गोरखपुर में तैयार गोबर के दीये काशी में देंगे उजाला

बदलते समय में पर्यावरण का ध्यान रखने के लिए उत्तर प्रदेश की महिलाएं भी आगे आईं हैं. महिलाओं के हाथों तैयार किए गोबर के दीये काशी में प्रज्ज्वलित होंगे. इस काम से SHG की महिलाओं को रोजगार मिल रहा, वहीं दीयों को पसंद भी किया जा रहा है.

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विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव
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Image : Ravivar Vichar

उत्तरप्रदेश (UP) के गोरखपुर (Gorakhpur) की संस्था सिद्धि विनायक की संगीता पांडेय को दीये (Diya) बनाने का यह आर्डर मिला. उद्यमी संगीता को यह ऑर्डर UPIDR ( उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ़  डिजाइन एंड रिसर्च) ने दिया.                  

काशी में गोबर के हवन कप प्रज्वलित करेंगे मोदी  

इस उत्तरप्रदेश (UP) की प्राचीन नगरी  काशी (Kashi) में ख़ास रोशनी बिखरेगी. गोरखपुर (Gorakhpur) में तैयार हो रहे गोबर (Cow Dung) के हवन कप (Havan Cup) से काशी  (Kashi) के घाट जगमग होंगे. गोरखपुर (Gorakhpur) जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसे तैयार कर रहीं. लगभग एक हजार हवन कप सिर्फ काशी (Kashi) के लिए तैयार किए जा रहे. इन हवन कप (Havan Cup) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रज्वलित करेंगे. यही वजह SHG की महिलाएं खासतौर पर खुश हैं.      
महिलाओं से तैयार करवा रहीं इस प्रोजेक्ट की हेड संगीता पांडेय (Sangeeta Pandey) बताती है-  "यह आर्डर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के तहत संचालित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ़  डिजाइन एंड रिसर्च (यूपीआइडीआर) की क्षिप्रा शुक्ला  (Kshipra Shukla)की ओर से मिला. आर्डर को तैयार करने में 50 महिलाएं जुटी हैं.इससे महिलाओं को अलग से कमाई हो रही.एक कप 28 रुपए में बिक जाता है."

इकोफ्रेंडली और देसी गाय के गोबर से तैयार     

सिद्धि विनायक वीमेन स्ट्रेंथ सोसाइटी के जरिए गठित स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) की महिलाओं को काम मिल रहा. 
केवल 15 सौ रुपए से अपने कारोबार को शुरू करने वाली संगीता पांडेय अब अपनी मेहनत के बल पर उद्यमी बनी. संगीता दूसरी महिलाओं को काम दे रहीं.

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गोरखपुर में SHG की महिलाएं संगीता पांडेय के गाइडेंस में हवन कप बनाते हुए. (image: Ravivar Vichar)  

संगीता पांडेय आगे बताती हैं- "महिलाओं ने देसी गाय के गोबर से हवन कप किए. इस तरह के  कप को तैयार करने में गोबर के साथ ही अगरबत्ती में मिलाए जाने वाले तेल का मिश्रण का भी उपयोग किया जाता है. खास बात कप में हवन सामग्री डाली गई. इस कप को प्रज्ज्वलित करने से हवन प्रक्रिया का अनुभव होगा.यह कप प्रज्वलन के बाद पूरी तरह जल जाएगा." इस कारण इस कप को इकोफ्रेंडली कप (Ecofriendly Cup) का दर्जा दिया.  

अमेरिका पहुंचे 5 हजार हवन कप 

अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों के लिए भी ऑर्डर पर यही हवन कप भेजे गए गए. दीपावली के लिए लगभग 5 हजार कप एक्सपोर्ट किए जा चुके हैं.
गोरखपुर (Gorakhpur) के जिला मिशन मैनेजर (DMM) विनोद कुमार सिंह (Vinod Kumar Singh) ने बताया- "जिले में सेल्फ हेल्प ग्रुप (Self Help Group) की महिलाएं अलग-अलग तरह से कारोबार कर रहीं. देसी गाय के गोबर का भी उपयोग कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाने में किया जा रहा. मिशन लगातार महिलाओं को प्रमोट कर रहा."         

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