पर्यटकों को परंपरा से जोड़ता संघा बहनों का होमस्टे

'नवन पिंड सरदारां' गांव की पांच 'संघा बहनों' ने गांव को पर्यटन मानचित्र में बदलने के साथ विरासत को भी संरक्षित रख रहीं हैं. पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ रोजगार के अवसर भी मिले है.

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हेमा वाजपेयी
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गुरदासपुर, पंजाब (Punjab) के 'नवन पिंड सरदारां' गांव की पांच 'संघा बहनों' (Sangha sisters) ने अपने दो पूर्वजों के विरासत घरों 'द कोठी' और 'पीपल हवेली' को होमस्टे (Homestay in Punjab) में बदल दिया, जिसमें पर्यटकों को शहरी सुख और ग्रामीण शांति का अनुभव मिलता है.

वर्ल्ड पर्यटन दिवस पर जीता कांस्य पदक

गांव को पर्यटन मानचित्र में बदलने के साथ विरासत को भी संरक्षित रख रहीं हैं. पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ रोजगार के अवसर भी मिले. 'नवन पिंड सरदारां', NH 54 से 5 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है, वर्ल्ड पर्यटन दिवस (World Tourism Day) पर 'बेस्ट पर्यटन गांव' (Best Tourism Village of India) श्रेणी में कांस्य पदक मिला.

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विरासत घरों को बदला ग्रामीण पर्यटन में 

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने पूरे देश में 795 गावों से प्राधिकृता प्राप्त की थी. 'संघा बहनें' - सिमरन कौर, गुरमीत राय संघ, मनप्रीत संघ, गीता कौर, और नूर संघ अपने पूर्वजों के विरासत घरों का ध्यान रखने लगीं, जिन्होंने ग्रामीण पर्यटन के लिए जगह बनाई.

दिल्ली में रहने वाली गुरमीत राय संघ बताती है कि " मूल ढांचे को बरकरार रखते हुए पूर्वजों के घरों को आधुनिक सुविधाओं के साथ सुधारा गया.

दिल्ली में काम करने वाली सिमरन कौर वीकेंड्स में गांव में काम करती है. गांव में बकरी फार्म शुरू किया ताकि  ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिल सके. मनप्रीत कौर संघ संयुक्त राज्य अमेरिका में रहती हैं और 'द कोठी' और 'पीपल हवेली' के लिए सोशल मीडिया प्रचार और बुकिंग मैनेज करती हैं.

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए SHG कर रहे काम 

गीता कौर गांव में रहकर कला के उत्पादन और महिलाओं के सशक्तिकरण (Women Empowerment) के लिए स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) के साथ काम करती हैं. नूर, एक वकील, जो मुंबई में रहती है, गांव के लिए कानूनी सहायता देती हैं. 

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गीता बताती है कि "हमारे पिता (लव्हर कैप्टन गुरप्रीत सिंह संघ) का विमान दुर्घटना में निधन हो गया. गांव के विकास में जुटने के पीछे की भावना उनके पिता की यादें, जिनकी गांव को पर्यटन मानचित्र में बदलने की इच्छा थी."

गुरदासपुर के जिला उपायुक्त हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि, "गांव की जनसंख्या ज्यादा नहीं है लेकिन विरासत को संरक्षित रखने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के दृष्टिगत से, गांव के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है. गांव के ऊपरी और निचले क्षेत्रों के विरासत भवनों को भी सजाने का विचार कर रहे हैं."

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