MP के Mandla जिले के बिछिया ब्लॉक के छोटे से गांव भोंदा की रहने वाली निर्मला साहू की यह कहानी है.घर पर छोटी सी खेती में गुज़ारा मुश्किल होता रहा.self help group की सदस्य बनी.मिशन ने सहयोग दिया और अब कई समूह के लिए उदाहरण बन गई.
दो हज़ार महिलाओं को Organic Farming की दी ट्रेनिंग
भोंदा गांव की निर्मला साहू ने रौशनी स्वयं सहायता समूह ज्वाइन किया.सचिव बनी.अपने पति संतोष साहू की कमाई बढ़ाने के लिए पहले ऑटो रिक्शा दिलवाया. मिशन ने निर्मला का काम देखते हुए Cluster Resource Person बनाया.
CRP के रूप में समूह सदस्यों के साथ निर्मला साहू (Image: Ravivar Vichar)
रौशनी SHG की निर्मला साहू कहती है-"मुझे मिशन ने CRP बनाया.मैं अब तक Organic Fertilizer और Farming के लिए इलाके में 2 हज़ार से ज्यादा महिलाओं को ट्रेनिंग देकर जोड़ चुकीं हूं. मेरी कमाई लगातार बढ़ने लगी.इस साल हमने ट्रेक्टर भी ख़रीदा.इसे किराए से भी चलाने से फायदा होने लगा."
भोंदा गांव की रौशनी स्वयं सहायता समूह की निर्मला साहू को लगातार ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा,जिससे दूसरी महिला भी प्रेरित हो.
organic medicine से बढ़ी फसल और सब्जियों की मांग
इलाके में हज़ारों महिला organic medicine बनाना सीख रहीं.खेती में उपयोग करने से organic vegetable और crop की demand बढ़ने लगी.
अपने खेत में खड़ी निर्मला साहू (Image: Ravivar Vichar)
मंडला जिले के बिछिया ब्लॉक की BM Sheen Parveen Khan बताती है-"निर्मला साहू की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.समूह से जुड़ने के बाद लोन की सुविधा मिली.CRP बना कर agriculture में organic medicine बनाना सीखा रही.CCL Loan 2 लखा रुपए का लिया.जिससे ट्रेक्टर खरीदने में आसानी हुई."
Ajeevika Mission के DPM BD Bhesare ने बताया-"बिछिया ब्लॉक में सभी समूह की महिलाएं लगातार रोजगार बढ़ा कर कमाई बढ़ा रहीं.कमज़ोर परिवार की महिलाएं भी अब ट्रेकर और दूसरे संसाधन जुटा रहीं हैं."
निर्मला इस समय 5 Village Organization से जुड़े समूह को ट्रेनिंग दे रही.