MP के Shahdol जिले के Tribal Block उमरिया में self help group की महिलाओं में नई उम्मीद जगी. यहां खेती में हल्दी Turmeric उत्पादन के बाद इसकी पत्तियों से Oil Production भी किया जाएगा.Ajeevika Mission ने इसके लिए Unit setup की.
Turmeric Oil Production से 1500 महिलाओं को रोजगार
शहडोल जिले के Tribal Community से जुड़ी महिलाओं के साथ दूसरी महिलाओं के लिए उमरिया में Turmeric Oil Production Unit लगाई गई. इस Unit में SHG से जुड़ीं लगभग 1500 महिलाओं को रोजगार मिलेगा.
इस यूनिट से जुड़ीं CLF की अध्यक्ष उमा प्रजापति और सचिव फूलवती सिंह कहती हैं-"हमारे इलाके में किसान परिवार हल्दी अधिक मात्रा में बोते हैं.अभी तक हम केवल हल्दी पॉवडर ही बना कर बेचते थे.इस नई यूनिट से अब तेल भी बना सकेंगे.हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी.हमने ख़ुशी है कि मिशन के अधिकारियों ने हमारे इस इलाके को चुना."
तैयार खेत में हल्दी बोटी हुई किसान दीदी (Image: Ravivar Vichar)
जिले में हल्दी की खेती करने वाली किसान खुश हैं.अभी तक हल्दी की गांठ निकल जाने के बाद यह पत्ते फेंक देते थे.अब इनका उपयोग होगा.
शहडोल जिले के Gohparu के Block Manager Vinod Kumar Singh बताते हैं-"उमरिया में यह ऑयल यूनिट लगाई जा रही.इसकी पूरी तैयारी कर ली.उमरिया के अलावा सरिहट, बडकोडा और पलसाऊ की स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को भी इस यूनिट का फायदा मिलेगा.महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई.यह यूनिट खन्नौधी महिला आजीविका स्कूल संगठन के तहत लगाई गई."
Powder Unit के बाद Oil Unit से होगा दुगना फायदा
शहडोल के ही सरिहट गांव में Turmeric Powder Unit लगी है. इससे अभी तक SHG से जुड़ीं महिलाएं खेत से तैयार हल्दी को पाउडर बना कर बेचतीं है.
Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) Ajay Singh ने बताया-"यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है.उमरिया में लगाई गई यूनिट में Tribal Welfare Department द्वारा भी funding की गई.लगभग 38 लाख रुपए लागत की यह यूनिट है.इससे से आसपास के किसानों में भी हल्दी की खेती करने के लिए रुझान बढ़ रहा.हम इस ऑयल प्रोडक्शन के बाद मार्केंटिंग में भी समूह की महिलाओं का सपोर्ट करेंगे."
हल्दी के पौधे जिनकी जड़ों से मिलेगी हल्दी(Image: Ravivar Vichar)
आयुर्वेद में हल्दी को बड़ा महत्व दिया गया. Dietitian Megha Sharma Indore कहती हैं-"Turmeric में अपने आप में ही natural गुण हैं.यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.इसे मसाले में उपयोग करना ही चाहिए.साथ ही कई बिमारियों में भी इसका असर सकारत्मक देखा गया.एंटी बायॉटिक नेचर होने की वजह से हल्दी के प्रयोग से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं."
हल्दी के पौधे में यह जड़ों के साथ गांठ के रूप में होती है.कई तरह से इसका उपयोग किया जाता है.
जिला कलेक्टर DM IAS Tarun Bhatnagar और जिला पंचायत ZP CEO IAS Rajesh Jain भी इस यूनिट और हल्दी की खेती के प्रति किसानो का रुझान बढ़ने से समूह की महिलाओं को प्रमोट कर रहे.