SHG की मदद से 'सीडबास्केट' पहुंच रहा अर्बन गार्डनर्स तक

हैदराबाद की गृहिणी, चंदना गाडे ने सीडबास्केट एग्रो सर्विसेज़ की शुरुआत की ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले स्थानीय बीज मिल सकें. इस कंपनी के ज़रिये उन्होंने अपनी पहचान बनाई और वे सफल एंटरप्रेन्योर बन गई.

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मिस्बाह
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seedbasket selling local seeds

Image Credits: the better india

हर माता पिता की तरह, चंदना ने भी अपनी बेटी को ऑर्गनिक सब्ज़ियां (organic vegetables) खिलानी चाही. पर, साफ़ और बिना केमिकल का खान पान बाज़ार में मिल पाना मुश्किल था (finding chemical free food in market is difficult). हैदराबाद (Hyderabad) की गृहिणी, चंदना गाडे ने इस परेशानी को दूर करने का सोचा और अपनी कंपनी, सीडबास्केट एग्रो सर्विसेज़ की शुरुआत की (Chandana Gade started Seedbasket). इस कंपनी के ज़रिये उन्होंने अपनी पहचान बनाई और वे सफल एंटरप्रेन्योर (housewife became entrepreneur) बन गई. चंदना ने लोकल बीजों को संरक्षित और बढ़ावा देने की ज़रुरत को पहचाना (Chandana preserving local seeds). 2016 में, उन्होंने सीडबास्केट की शुरुआत की, ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले स्थानीय बीज मिल सकें.

वेबसाइट के ज़रिये बेच रही लोकल बीज 

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सीडबास्केट एग्रो सर्विसेज़ (Seedbasket Agro Services) अलग-अलग जगहों से लोकल बीज इकट्ठा करती है और उन्हें किसानों तक पहुंचाती है. चंदना ने महसूस किया कि कई किसान हाइब्रिड और जेनेटिकली मॉडिफाइड बीजों पर निर्भर थे (farmers dependent on hybrid and genetically modified seeds), जो पर्यावरण और जैविक विविधता पर बुरा असर डालते हैं. जबकि, लोकल बीज स्थानीय माहौल में बढ़कर प्राकृतिक विविधता को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने अपनी वेबसाइट बनाई जिस पर करीब 200 तरह के बागवानी से जुड़े उत्पाद शामिल हैं (seedbasket sell 200+ gardening products). वेबसाइट पर सभी तरह के देशी सब्जियों के बीज, हर्बल, विदेशी और संकर बीज मिलते हैं, जिनकी कीमत सिर्फ 25 रुपए से शुरू होती है. 

स्वयंसहायता समूहों की महिलाएं बनी स्टार्टअप का हिस्सा  

सीडबास्केट को सफलता तब मिली जब ज़्यादा से ज़्यादा किसानों ने स्थानीय बीजों की अहमियत को पहचाना. उन्होंने ग्रामीण महिला स्वयंसहायता समूहों के साथ साझेदारी की (SHG women became part of Seedbasket) और उन्हें बीज इकट्ठा करने और पैकेजिंग के काम में शामिल किया (SHG women handling seed collection and packaging work). इससे महिलाओं को रोज़गार का ज़रिया मिला और पारंपरिक कृषि प्रथाओं के संरक्षण में भी योगदान हुआ.

ईको फ्रेंडली उद्यमिता को दे रही बढ़ावा 

चंदना ने ईको फ्रेंडली उद्यमिता (eco friendly business) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अलग-अलग मंचों का इस्तेमाल किया. इससे उनकी कंपनी को ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिली और स्थानीय बीज को बढ़ावा मिला. चंदना की अनुसंधान और उद्यमिता की वजह से सीडबास्केट एग्रो सर्विसेज़ को कई राज्यों में उद्यमियों के लिए एक मॉडल कंपनी के रूप में मान्यता मिली है. 

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यह स्टार्टअप आज कर्नाटक, मिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राजस्थान के ग्राहकों तक पहुंच रहा है.  इस स्टार्टअप को 1 हज़ार से ज़्यादा मासिक ऑर्डर मिल रहे हैं और इसका सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये है. सीडबास्केट एग्रो सर्विसेज न केवल देसी बीजों को बढ़ावा देती है और सहज महिलाओं को रोज़गार, बल्कि शहरी बागवानों को घर पर स्वस्थ और ऑर्गनिक सब्जियां, फल और सुंदर फूल उगाने का रास्ता दिखाती है (helping urban gardeners grow organic food at home).  

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