'फ़ूड सेफटी' में SHG का योगदान

SHG खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं. SHG महिलायें फ़ूड प्रोसेसिंग और आर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र तकनीक को जोड़ने का काम कर रही हैं. 'इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ मिलेट' को बढ़ावा देने के लिए SHG महिलायें मिलेट कैफ़े खोल  मिलेट से नए तरह के पकवान बना रही हैं.

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मिस्बाह
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food security and SHG

Image Credits: Navjeevan Express

खाद्य सुरक्षा (food safety), भोजन बर्बाद ना करना, पौष्टिक खाने की पहचान, भोजन और स्वास्थ्य का कनेक्शन जैसे अहम मुद्दों पर समझ को बढ़ाने के लिए   2019 से वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे (World Food Safety Day) मनाया जाने लगा. ये शुरुआत WHO (World Health Organisation) और FAO -फूड एंड एंग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (Food and Agriclture Organisation) ने मिलकर की. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल वैश्विक तौर पर 10 में से एक व्यक्ति दूषित खाना खाकर बीमार पड़ता है. कोई देश इससे अछूता नहीं है. 200 से ज्यादा बीमारियां खाने में बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और केमिकल्स की वजह से होती हैं. 
 
भारत में स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) की महिलायें फ़ूड प्रोसेसिंग (Food Processing) और आर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) के क्षेत्र तकनीक को जोड़ने का काम कर रही हैं.  'इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ मिलेट' (International Year of Millet) को बढ़ावा देने के लिए SHG महिलायें मिलेट कैफ़े खोल  मिलेट से नए तरह के पकवान बना रही हैं. उनके इन प्रयासों की वजह से मिलेट वापिस थालियों में लौट रहा है.  
 
कोविड-19 की सबसे बड़ी चुनौती- गरीबी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए मेघालय की महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ फ़ूड प्रोसेसिंग का काम शुरू किया. लुमुरियाप और थडियालॉन्ग गांवों की लाहलुती और क्षोखतिलंग महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में शामिल महिलाओं ने खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण (Food Processing Training) में भाग लिया. इस ट्रेनिंग में उन्होंने बेकरी उत्पाद और अचार बनाना सीखा. साथ ही पैकेजिंग और लेबलिंग करना भी जाना. खाद्य प्रसंस्करण ने इन महिलाओं को आजीविका कमाने का अवसर दिया और वित्तीय समस्याओं को हल किया. 
 
मेघालय के अलावा ओडिशा राज्य की बीरा हनुमान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मिड डे मील की ज़िम्मेदारी संभाली. वे बच्चों के पोषण और स्वच्छ भोजन का ध्यान रखती हैं. नयागढ़ जिले के भापुर प्रखंड के छोटे से गांव मितुआनी में अपने स्कूल में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम संचालित करती हैं. 
 
स्वयं सहायता समूहों द्वारा फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए  तेलंगाना सरकार ने 'फ़ूड कॉन्क्लेव' (Food Conclave) का आयोजन किया. इस कॉन्क्लेव ने 7000 करोड़ रुपयों के निवेश को आकर्षित किया और 58000 से ज़्यादा नौकरियों के रास्ते खोले. मिनिस्ट्री ऑफ़ फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज फ़ूड प्रोसेसिंग से जुड़ी SHG महिलाओं, FPOs, और निर्माता सहकारी समितियों (producer cooperatives) को बढ़ावा देता है. SHG को अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए ट्रेनिंग और निवेश में ख़ास मदद का भी प्रावधान है. 
 
देशभर में ऐसे कई SHG हैं जो फ़ूड प्रोसेसिंग के ज़रिये न सिर्फ आर्थिक आज़ादी हासिल कर रहे हैं, पर खाद्य सुरक्षा में भी योगदान दे रहे हैं. 
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