महिलाएं सिर्फ राष्ट्रीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय राजनीति (international politics) का भी हिस्सा बन फीमेल लीडरशिप (female leadership) को परिभाषित कर रही हैं. चोनिरा बेलियप्पा मुथम्मा (first female diplomat C.B. Muthamma) से लेकर आज तक भारत को कई उल्लेखनीय महिला डिप्लोमेट्स (female diplomats) मिलीं. आज की डिप्लोमेसी (diplomacy) जगत का शक्तिशाली नाम है प्रीती सरन (Preeti Saran). उन्होंने विदेश सेवाओं से जुड़ी कई लैंगिक बाधाओं को तोड़ा और विश्व मंच पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है.
UN CESCR का हिस्सा रही प्रीती सरन
5 सितंबर 1958 को जन्मी प्रीति सरन भारतीय विदेश सेवा कैडर 1982 (Indian Foreign Service cadre 1982 ) बैच की भारतीय सिविल सेवक (Indian civil servant) है. सरन को 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2022 तक की अवधि के लिए आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र (UN) समिति के लिए चुना गया था. सीईएससीआर (CESCR) के 8 सदस्यीय पैनल में केवल 5 महिलाएं थी. सरन का चुनाव लैंगिक समानता लाने की दिशा में अहम कदम रहा.
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प्रीति सरन (About IFS Preeti Saran in Hindi) अगस्त 1982 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुईं. उन्होंने मॉस्को, ढाका, काहिरा, जिनेवा, टोरंटो और वियतनाम में भारतीय मिशनों की सफलता में अहम भूमिका निभाई. सरन भारत के विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) के रूप में भी काम कर चुकी है.
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड फॉरेन रिलेशन्स के लिए सलाहकार भी है सरन
प्रीती विजन इंडिया फाउंडेशन (Vision India Foundation) में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड फॉरेन रिलेशन्स (mentor to Center for Strategic and Foreign Relations) के लिए सलाहकार बन काम संभाल रही है. प्रीति सरन के पास लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमेन (Lady Shri Ram College for Women), दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से अंग्रेजी में बी.ए. (ऑनर्स) और मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री है.
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इसके अलावा प्रीती सरन (Preeti Saran) सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों के ज़रिये वैश्विक मंच पर भारत की समृद्ध परंपराओं और कलाओं को प्रदर्शित कर चुकी है.
प्रीती सरन की उपलब्धियां डिप्लोमेसी और एडमिनिस्ट्रेशन (diplomacy and administration) के क्षेत्र में महिलाओं की क्षमताओं और योगदान का प्रमाण देती हैं. उनकी लीडरशिप महिलाओं को डिप्लोमेसी (female diplomats) में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित कर रही है.