जूनून से गरीबी को मात देकर लखपति दीदी बनी महिला

मायके से ससुराल आकर भी एक महिला अपने परिवार के साथ गरीबी से जूझती रही.जिद और जूनून से मेहनत की.गरीबी को मात देकर परिवार को लखपति बना दिया.यह ख़ास कहानी इस महिला की.

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अपने खेत में काम करती हुई रेखा (Image: Ravivar Vichar)

MP के Ashoknagar जिले के छोटे से गांव की रहने वाली Rekha Parihar अपने मायके शिवपुरी जिले से अशोकनगर के डोंगराफुट में आ गई.यहां भी 16 सदस्यों के इस परिवार की दयनीय हालत देख आजीविका मिशन के self help group से जुड़ी और Lakhpati Didi की श्रेणी में आ गई.       

Image बनाकर शुरू किया गांव में नया Business 

अशोकनगर जिले डोंगराफुट गांव में 3 बीघा छोटी ज़मीन के सहारे 16 सदस्यों के परिवार के साथ जीवन बिता रही रेखा परिहार ने Krishna SHG ज्वाइन किया.काम और मेहनत देख दूसरे साथियों ने रेखा को स्वयं सहायता समूह का अध्यक्ष बनाया.

रेखा परिहार बताती है-"शुरुआत में घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा था.मिशन के अधिकारी गांव में आए.SHG ज्वाइन किया.मैंने हिम्मत कर 80 हज़ार रुपए का लोन लिया.आटा चक्की लगाई. इससे इनकम अलग से शुरू हो गई.खेती में भी मैंने परिवार के साथ बदलाव किए.अब मैं लगभग 14 हज़ार रुपए महीने कमा लेती."

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अपनी आटा चक्की के साथ रेखा (Image: Ravivar Vichar)

डोंगराफुट गांव में रेखा परिहार ने अलग पहचान बना ली. उसका कहना है मेहनत और सहयोग से मैं समय पर लोन की किश्तें भी उतार पाई.

गांव में दूसरी महिलाओं को कर रही प्रोत्साहित

समूह से जुड़ने के बाद रेखा ने दूसरी महिलाओं को भी हौसला देना शुरू किया.खुद की ज़मीन पर पति के साथ सब्जियां उगाना शुरू किया.इस ताज़ी सब्जी के उत्पादन से डिमांड बढ़ गई.

Ajeevika Mission के DPM DK Sharma कहते हैं-"जिले में मिशन के लिए रेखा परिहार की मेहनत और लखपति दीदी बनने की कहानी मिसाल बन गई.16 सदस्यों के परिवार को निभाते हुए अपनी कमाई की.आत्मनिर्भर बनी.हम ऐसे सदस्यों को दूसरे समूह के लिए ट्रेनिंग में भेज रहे."

जिले में organic farming और organic fertilizer production के लिए भी समूह को प्रमोट किया जा रहा.                           

Lakhpati Didi self help group SHG Organic Farming