MP के Tribal District Balaghat में self help group की सदस्यों ने Organic Farming कर मिसाल बना दी.शुरुआत में आशंका और नुकसानी का डर था.देखते देखते यह महिलाएं पूरी तरह जैविक पध्दति को अपना लिया.
Modern Farming से दिख रही खीरे की बहार
बालाघाट जिले के लांजी ब्लॉक में SHG से जुड़ीं महिलाओं ने Modern Farming को अपना लिया.अब ये organic method से ही खेती कर रहीं. यहां कई इलाके में खीरे की बहार खेतों में नज़र आ रही.
lanji block के बड़गांव की Meera Tikeshavar बताती है-"केमिकल खेती से नुकसान होने लगा.ट्रेनिंग लेकर जैविक खेती को समझा.गांव में खेती करने वाली 15 दीदियों को जोड़कर तीन जैविक समूह बना लिए.धरती माता आजीविका उत्पादक समूह बना लिया."
लांजी ब्लॉक में खीरा बेचने के लिए तैयार करती मीरा और अन्य (Image: Ravivar Vichar)
समूह के जरिए इन महिलाओं ने खीरा का उत्पादन किया.अब यही समूह बड़े बाज़ार में थोक में खीरा बेच अच्छी कमाई कर रहा.
Vermicompost से किसान दीदियां हुईं आत्मनिर्भर
किसान दीदियों ने जैविक खाद खरीदी और खेती में उपयोग किया.कुछ दिन बाद इसी Organic Group की सदस्यों ने Vermicompost बनाना सीखा.
जैविक समूह की अध्यक्ष मीरा टिकेश्वर आगे बताती है-"हमने केंचुआ खाद तैयार करना सीखा.अपने खेत के अलावा इसका भी कारोबार करने से कमाई और बढ़ी.सीज़न में अब मेरी कमाई लगभग 2 से 3 लाख रुपए हो जाती."
थेमा की क्रांति जैविक समूह की अध्यक्ष दुर्गा कुरहे कहती है-"अब मुझे जैविक खेती का महत्व समझ आ गया.इस बार हमारे खेत में बड़ी मात्रा में खीरा उत्पादन हुआ.हम आसपास के बड़े बाज़ार में माल बेच रहे."
लांजी ब्लॉक में खीरा की ब्लॉक में खीरा की हुई बंपर पैदावार (Image: Ravivar Vichar)
आजीविका मिशन के lanji block की ABM Suneeta Chandne कहती हैं-"organic farming के लिए हमने SHG की महिलाओं की काउंसलिंग की. किसान दीदी मीरा की मेहनत देख krishi sakhi भी बनाया.जिससे वह दूसरी सदस्यों को ट्रेनिंग दे रही.जिले में समूह की महिलाओं को DAY NRLM के तहत संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना (NRETP) द्वारा महिलाओं को उन्नत खेती की ट्रेनिंग दी गई."