भारत को agricultural country कहा जाता है ये तो आज हर व्यक्ति को पता चला चुका है लेकिन अगर देश में किसानों के हालात देखे जाए तो आज भी वे कही न कही परेशानियों का सामना कर ही रहे है. यह एक बात है, इसी के साथ भारत की महिलाओं को भी सरकार आगे बढाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. महिला और किसान सशक्तिकरण (women empowerment) को मद्देनज़र रखते हुए हमारी सरकार यह ठान चुकी है कि इन्हें देश में सर्वोच्च स्थान प्रदान करना ही है.
Krishi sakhi योजना से महिलाएं सीखेंगी organic farming के तरीके
बस इसीलिए महिलाओं को कृषि से जोड़ने के प्रयास कर रही है हमारी सरकार. वह 'Krishi sakhi yojna' को देश में बड़े पैमाने पर आगे लाने का काम कर चुकी है और अब कृषि सखियों को organic farming से जोड़कर nature friendly किसानी में भी आगे बढ़ाएगी.
सरकार ने प्राकृतिक खेती (Natural farming process) को बढ़ावा देने की नई कोशिश की है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 'कृषि सखी' प्रशिक्षण योजना शुरू की. यह कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत शुरू किया गया है.
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इस योजना का उद्देश्य organic farming को बढ़ावा देने के लिए 50,000 'krishi sakhi' को प्रशिक्षित करना है. कृषि सखी महिला किसानों को सभी फसलों का चुनाव और बुआई से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वे बेहतर तरीके से किसानी करने में कारगर हो.
Self help group से जुड़ी महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
कृषि सखी के माध्यम से self help groups से जुड़ी और खेती करने की इच्छुक महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना भी कृषि सखी योजना का काम होगा. इस योजना की मदद से छोटे और सीमांत किसानों को प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने के गुण सिखाए जाएंगे. कृषि सखी को प्रतिमाह ₹6000 से ₹7000 तक का मानदेय देने का प्रावधान है. यह पहल महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन में एक बहुत बड़ा कदम साबित होने के साथ प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने में कारगर साबित होगी.