SHG की मदद से कोलकाता मार्केट हुआ प्लास्टिक फ्री

NKDA के सहयोग से NGO द्वारा शुरू किये गए प्रोजेक्ट के बाद मार्केट को सफलतापूर्वक प्लास्टिक मुक्त बनाया गया. SHG महिलाओं ने विक्रेताओं को कपड़े और कागज के बैग बेचे.

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मिस्बाह
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कोलकाता मार्केट हुआ प्लास्टिक फ्री 

प्लस्टिक फ्री (plastic free) होने की ज़रुरत को पहचान, पेपर या कपड़े से बने बैग (cloth bag) के इस्तेमाल को बढ़ाया जा रहा है. प्लास्टिक बैन की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए, कोलकाता का एक मार्केट पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री हो गया (kolkata market becomes plastic free). न्यू टाउन का सीबी ब्लॉक कम्युनिटी मार्केट हर महीने करीब 170 किलोग्राम सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उत्पादन करता था. एनकेडीए के सहयोग से एनजीओ द्वारा शुरू किये गए प्रोजेक्ट के बाद मार्केट को सफलतापूर्वक प्लास्टिक मुक्त बनाया गया. स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group making paper and cloth bags) की महिलाओं ने विक्रेताओं को कपड़े और  कागज के बैग बेचे जिसका इस्तेमाल बाजार में सामान बेचने के लिए किया जा रहा है.

SHG बना रहे कपड़े और पेपर के बैग 

एनकेडीए का समर्थन पाने वाले गैर सरकारी संगठनों में से एक, कोलकाता सोसाइटी फॉर कल्चरल हेरिटेज (Kolkata Society for Cultural Heritage) प्लास्टिक मुक्त बाजार (plastic free market) अभियान को लागू कर रहा है. NGO के अधिकारी ने बताया कि बाजार को प्लास्टिक मुक्त बनाने की परियोजना लगभग दो वर्षों के लिए बनाई गई थी. लेकिन, प्रोजेक्ट को पहले तीन महीनों में ही सफलता मिलनी शुरू हो गई. केएससीएच के संस्थापक निदेशक सौरव मुखर्जी ने कहा, "परियोजना इस साल के अंत तक जारी रहेगी."

पायलट प्रोजेक्ट - जिसमें सीबी कम्युनिटी मार्केट परिसर के दुकानदारों और बाजार के आसपास के विक्रेताओं के बीच प्लास्टिक बैग की जगह पेपर या कपड़े के बैग के इतेमाल को बढ़ावा देना शामिल था - इसमें 14 स्ट्रीट वेंडर्स और 29 दुकानदार शामिल थे. बाजार में और उसके आसपास 2,300 से ज़्यादा आवासीय परिवारों ने प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल बंद कर दिया है और कपड़े के थैलों को यूज़ करना शुरू कर दिया है जो उन्हें वितरित किए गए थे. मुखर्जी ने कहा, "अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक एक वर्ष के दौरान 2,000 किलोग्राम से ज़्यादा सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कम किया गया है."

"स्वयं सहायता समूह के सदस्य कपड़े के थैले और भूरे कागज के पैकेट बना रहे हैं और उन्हें सीधे दुकानदारों को बेच रहे हैं. उन्हें इससे रोज़गार मिला है. बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक वितरित करने के लिए न्यू टाउन के दूसरे बाजारों में काउंटर लगा कर एनकेडीए के समर्थन के तहत सीएसआर फंडिंग की मदद से कपड़े के बैग बांटने की भी योजना है. “केएससीएच के एक अधिकारी ने बताया.

"हाल ही में, कंसर्न फॉर कोलकाता गैर सरकारी संगठन ने एनकेडीए बाजारों में से एक में कपड़े के थैले मुफ्त में बांटे. फेंके गए प्लास्टिक से जल निकासी लाइनें बंद हो जाती हैं. प्लास्टिक बैग इस्तेमाल करने वालों से जुर्माना वसूलने के लिए पीओएस मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल ही में गठित ब्लॉक कोऑर्डिनेटर्स को प्लास्टिक बैन ठीक से लागू करने की ज़िम्मेदारी दी गई है."

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