हाथ में लट्ठ के साथ लाड़ली बहना सेना का बना खौफ
इंदौर (Indore) महानगर के गली-मोहल्लों और वार्डों में असामाजिक लोगों की खैर नहीं. कोई भी अपराध करने वाले को छोड़ा नहीं छोड़ा नहीं जाएगा. इंदौर पुलिस ने महिलाओं के आत्मविश्वास को देखते हुए नई पहल की. इन दिनों पूरे शहर के इलाकों में सिर पर साफा और और हाथ में लट्ठ के साथ लाड़ली बहना सेना (ladli Bahana Sena) नज़र आने लगी. बाकायदा इनका गठन किया जा रहा है.मनचलों और नशाखोरों में खौफ है.
थानों में काम कर रही 'ऊर्जा डेस्क' (Urja Dask)अब पूरे फॉर्म में है. इंदौर पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) मकरंद देउस्कर (Makrand Deuskar) की यह पहल रंग ले आई.हर थाने में इन बहनों को ट्रेनिंग दी जा रही. इस पूरे मिशन के लिए एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (ADCP) प्रियंका डुडवे (Priyanka Dudve) को नोडल ऑफिसर बनाया गया.
जागरूक और चेतावनी का फार्मूला
शासन ने जागरूक और चेतावनी के फार्मूले पर यह सेटअप बनाया. नोडल ऑफिसर एडिशनल डिप्टी कमिशनर ऑफ़ पुलिस (ADCP) प्रियंका डुडवे (Priyanka Dudve) बताती है- "शहर के 32 थाने के ऊर्जा डेस्क ने अपने आगनबाड़ी कार्यकर्त्ता बहनों के साथ क्षेत्र की कम से कम सक्रिय 21 महिलाओं को जोड़ा. साथ ही जनप्रतिनिधि महिलाओं और यंग जनरेशन गर्ल्स को भी शामिल किया. ये अपने इलाके की गली, मोहल्ले और वार्ड में आपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को टोकेंगीं. नशाखोरी और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बुराइयों के लिए नज़र रखेंगीं. जरूरत पड़ेगी तो पुलिस का सहयोग लेंगीं."
इंदौर के मुख्य मार्ग पर फ्लैग मार्च करती लाड़ली बहना सेना (Image Credit: Ravivar Vichar)
सेना में बना उत्साह का माहौल
रावजी बाज़ार इलाके की सेना सदस्य संतोष चौधरी लल्ली दीदी कहती है- "हमें बहुत अच्छा लग रहा. ख़ुशी है कि महिलाएं एकजुट हो कर गलियों में नशा और दूसरी गलत गतिविधियों को रोकेगी." इस इलाके में 50 से ज्यादा महिलाओं ने सेना में शामिल होकर उत्साह से कम करने को कहा. इस इलाके की पार्षद भावना सुंदरलाल चौधरी बताती हैं -"रावजी बाज़ार थाने में बहुत अच्छे तरीके से बैठक हुई. इलाके का माहौल और अधिक सुधरेगा." रावजी बाज़ार थाने के टीआई (TI) अमोद सिंह राठौर (Amod Singh Rathore) ने बताया- "ऊर्जा डेस्क ने अच्छा समन्वय बना कर महिलाओं को ट्रेन किया."
एडिशनल डिप्टी कमिश्नर प्रियंका डुडवे का सम्मान करतीं सेना सदस्य (Image Credit: Ravivar Vichar)
नशे की सजा महिला को क्यों !
समाज में बढ़ती नशे की प्रवृति और छेड़छाड़ की घटना की अंतिम पीड़िता युवती या महिला ही होती है. नशाखोरी से महिला ही सजा क्यों भोगे ! इस प्रोजेक्ट (Project)को लीड कर रहे इंदौर कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (CP) मकरंद देउस्कर (Makrand Deuskar) ने यह कहते हुए 'रविवार विचार' से खास बात की. सीपी इंदौर देउस्कर कहते है- "शासन का यह बड़ा विज़न है. इसमें थाने की ऊर्जा डेस्क, महिला बाल विकास विभाग से एसोसिएट आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका अहम है. अपने-अपने इलाके में जब महिलाएं जुड़ कर समूह में निकलेंगी तो असामाजिक गतिविधि से जुड़े लोगों में भय बनेगा.शुरू में ऊर्जा डेस्क की साथी भी इस समूह में शामिल होगी.इससे नशामुक्ति और समाज की दूसरी बुराइयों में शामिल लोग गलियों में बेवजह घूमना बंद करेंगे."
पुलिस कमिश्नर, इंदौर, मकरंद देउस्कर
कम उम्र की बेटियां होगीं सेफ
इस प्रोजेक्ट में कमिश्नर ने ख़ास गाइड किया. देउस्कर ने बताया- "इसमें एक खास बात का ध्यान रखा गया. कम उम्र की बच्चियों के मिसिंग के कई प्रकरण आते है. कई बार सेक्सुअल हरस्मेंट की घटनाओं में नज़दीक के ही लोग आरोपी के रूप में सामने आते हैं. इस सेना में 12 से 18 साल की बच्चियों को भी जोड़ने के लिए कहा गया. इससे उनमें भी डर हटेगा. वे खुल कर जी सकेंगी. बहकावे न आकर एंटी सोशल बिहेवियर का भी विरोध करना सीख जाएंगी. कम उम्र की बेटियां ज्यादा सेफ हो जाएंगी." लाड़ली सेना को शाम को समूह में निकल कर माहौल खड़ा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा.