MP के लगभग हर जिले में self help group की महिलाओं में ट्रेन Pashu Sakhi को और अधिक advance A-Help Sakhi के रूप में training दिलवाई गई.Ujjain संभाग में भी 16 दिनों की इस ट्रेनिंग में कई सखियों ने हिस्सा लिया. अब ये पशु सखियां अपने गांव में गाइड कर रहीं.
Experts से training के बाद help sakhi से पशु पालकों को मिला सहारा
उज्जैन संभाग में Pashu Sakhi को यह ट्रेनिंग Veterinary Doctors और experts द्वारा दी गई. A-Help Sakhi के रूप में इनको और अधिक प्रशिक्षित किया.
इस ट्रेनिंग में Dewas ज़िले से शामिल पूजा वास्कले,आशा मालवीय और बबिता गिरी ने बताया-"हम अपने गांव में पशु सखी के रूप में मवेशियों को प्रारंभिक इलाज कर रहे थे.इसमें खासतौर पर टीकाकरण के साथ बारिश में होने वाली कॉमन बिमारियों का उपचार कर लेते.इस ट्रेनिंग के बाद हमें वेक्सिनेशन, आहार संतुलन के साथ कृत्रिम गर्भाधान के बारे में भी बताया."
देवास जिले में भी कई पशु सखियों ने यह A-help sakhi ट्रेनिंग ली.
Ujjain Division में 150 से ज्यादा बनी A-help sakhi
उज्जैन संभाग में 150 से ज्यादा पशु सखियों को A-HELP training program (Accredited Agent for the Health and Extension of Livestock Production) दी गई.
मवेशी पालक को काउंसलिंग करते हुए हेल्प सखी (Image: Ravivar Vichar)
Ujjain Division के Coordinator PS Thakur कहते हैं -"यह 16 दिनों की ट्रेनिंग सार्थक रही.इसमें देवास की ही 73 पशु सखियों को यह ट्रेनिंग मिली Accredited.-help sakhi के रूप में इन्हें veterinary doctors के साथ दूसरे experts ने सिखाया.साथ ही KVK Ujjain,Veterinary Hospital और Dairy की visit करवाई. अब ये अपने गांव में पशु पालकों को काउंसलिंग कर सकती हैं."
मवेशी का टीकाकरण करते हुए हेल्प सखी (Image: Ravivar Vichar)
हाल ही में बारिश के सीज़न में होने वाली बिमारियों के रोकथाम के लिए वेक्सीनेशन सहित प्राथमिक उपचार कर सकती है.
Dewas Ajeevika Mission की DPM Sheela Shukla कहती हैं-"हर गांव में वेर्निटी डॉक्टर का होना संभव नहीं.मिशन की इस पहल से Animal Husbandry से जुड़े लोगों को बड़ा फायदा होगा. ये सखियां मवेशियों के लिए बड़ा सहारा हो गईं."
देवास जिले में animal husbandry और किसानों की बड़ी संख्या है.