MP के Khargone जिले के Bhikangone block में छोटे से गांव दोनवाड़ा की यह कहानी है.यहां रहने वाली भागु बाई मजदूरी करती.self help group से जुड़ी और आत्मनिर्भर हो गई.
बकरी पालन से बढ़ाया बिज़नेस, जी रही शान से
दोनवाड़ा गांव की tribal community lady भागु बाई शुरुआत से ही पति के साथ खेतों में मजदूरी पर जाती.आजीविका मिशन के अधिकारी गांव आए और भागु की इच्छा और मेहनत देख SHG से जोड़ा. सरस्वती आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी भागु बाई बताती है-"समूह से जुड़ने के बाद बचत शुरू की. पहला लोन 6 हज़ार का लिया.एक बकरी ली.ऐसे ही दूसरा लोन 7 हज़ार 500 रुपए का और फिर CCL से 13 हज़ार का लोन लेकर बकरियां खरीदी.अब 23 बकरियों के साथ 13 बकरी के बच्चे हैं.मैं हर महीने 8 से 14 हज़ार रुपए महीने बकरियां बेच कर कमा लेती हूं."
गांव में अपनी बकरियों के साथ भागु बाई (Image: Ravivar Vichar)
Ajeevika Mission Bhikangone Block की ABM Vandana Patidar ने बताया-"हमने भागु बाई को animal husbandry की training दिलवाई.इस काम में उसे लगातार कमाई हुई और आज ग्राम पंचायत सुर्वा में समूह का नाम शान से लिया जाता."
बेटी को कराया BA और बनाया bank sakhi
पहले भागु बाई की बेटी दुर्गा भी मजदूरी पर मदद के लिए जाती.स्वयं सहायता समूह से जुड़कर कमाई शुरू हुई.बेटी दुर्गा ने BA किया और बमनाला बैंक ऑफ़ इंडिया में बैंक सखी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही.छोटी बेटी वैष्णवी को कस्टम जूलरी उद्यमी की ट्रेनिंग और बेटे राजू को भी दीनदयाल अंत्योदय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग दिलवाई.
bank sakhi बेटी दुर्गा कहती है-"मुझे ख़ुशी है मां ने SHG से जुड़कर हमें पढ़ाया और बैंक सखी बनाने में मदद की.हमारी कमाई बढ़ गई."
समूह सदस्यों के साथ मीटिंग करती हुईं ABM Vandana Patidar(Image: Ravivar Vichar)
खरगोन जिले के आजीविका मिशन प्रभारी District Project Manager (DPM) Ramakant Patidar बताते हैं-"भागु अशोक इस समूह के लिए मिसाल हैं.कमाई बढ़ने के साथ बेटियों को खासतौर पर पढ़ाया.समूह को लगातार हम प्रोत्साहित कर रहे."