चमोली जिले के स्वयं सहायता समूहों को मिला Skoch Award
चमोली जिले (Chamoli district) में राष्ट्रीय आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के तहत स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) की आजीविका को सशक्त करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किये गए थे. इन कार्यक्रमों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करते हुए स्कॉच अवॉर्ड (Chamoli Ajeevika won Skoch award) दिया गया. जिला विकास अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने Skoch Award Nominee के अंतर्गत NRLM समूहों के कामों के बारे में बताया. ज़िले में भोजपत्र लेखन, लैंटाना से फर्नीचर बनाने, फल संरक्षण और बद्री भवन निर्माण जैसे आजीविका को बढ़ाने वाली गतिविधियों की सराहना की गई. जिसके बाद रोज़गार से जुड़े कामों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ओपन वोटिंग हुई और फिर चमोली ज़िले को स्कॉच अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
आजीविका को बढ़ाने के लिए चमोली जिले में कई पहलें की गई
35 सदस्यों के NRLM समूह को गोपेश्वर में 15 दिन की लैन्टाना से प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग दी गई. इस प्रशिक्षण (training) में लैन्टाना से चेयर, डस्टबिन और दूसरे प्रोडक्ट्स बनाना सिखाये. वन विभाग ने रूद्रनाथ यात्रा मार्ग पर लैन्टाना से बने 100 डस्टबिन लगाने का आदेश दिया था. इससे समूह सदस्यों ने लैन्टाना से तैयार उत्पादों की बिक्री से 65,000 रुपए कमाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के माणा गांव दौरे के दौरान, NRLM समूह के सदस्यों ने उन्हें भोजपत्र से बनी सौवेनियर और माला भेंट की. जिले में महिलाओं को भोजपत्र लेखन की ट्रेनिंग दी गई. इससे समूह (SHG) के सदस्यों ने भोजपत्र सौवेनियर बेचकर लगभग 89,500 रुपये की आय कमाई है.
श्री बद्रीनाथ प्रसाद के तहत समूह सदस्यों ने चौलाई के लड्डू, गुलाब जल, चूली का तेल, हर्बल धूप, बद्री गाय का घी, बद्री तुलसी और लोकल प्रोडक्ट (local product) कैनोपी के ज़रिये बेचे. इसके ज़रिये उन्होंने 11 लाख 72 हजार रुपये कमाए.
चमोली में NRLM समूह सदस्यों (SHG women) द्वारा फल संरक्षण के तहत माल्टे का जूस, ऑवले जूस, बेल का जूस, बुराश जूस, सेब का जूस, तरह-तरह के जैम, और पहाड़ी अंजीर (तिमला) का अचार तैयार किया गया. समूह ने ये प्रोडक्ट्स बनाकर अच्छी आजीविका अर्जित की.