मवेशियों से था प्रेम, बनाया Animal Husbandry Business

कभी-कभी हमारी hobby हमारा जीवन जीने का आधार बन जाती.ऐसे ही एक महिला को मवेशियों से प्रेम था.कुछ समय बाद महिला ने animal husbandry को अपनाया. यह बिज़नेस अब इस महिला की पहचान बन गया.

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अपने मवेशियों के साथ सुधा पटेल (Image: Ravivar Vichar)

CG के Gaurela-Pendra-Marwahi जिले के छोटे से गांव अमरपुर की रहने वाली सुधा पटेल की कहानी है यह...सुधा को बचपन से ही पालतू मवेशियों से प्रेम था.ससुराल आकर घर के काम में व्यस्त हो गई.पारिवारिक आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए self help group बनाया और सुधा ने इन मवेशियों से ही आर्थिक स्थिति सुधार ली. 

Milk Production से घर-घर बनी पहचान

 

कुछ साल पहले आजीविका मिशन बिहान के अधिकारियों से संपर्क हुआ.अमरपुर गांव में पहला SHG समूह बनाया. मां गंगा मैया SHG बनाकर सुधा पटेल सदस्य बनी. समूह की सुधा पटेल बताती है-"शुरुआत में घर के काम ही करती थी.आर्थिक कमी दूर करने के लिए हमने समूह से 50 हज़ार रुपए का लोन लिया.फिर लोन किश्तें पूरी करके 20 -20 हज़ार रुपए के लोन लिए.अभी हमारे पास 6 मवेशी जिनमें दो भैंसे और 4 गाय हो गईं.22 लीटर दूध रोज़ बेचते हैं.हमारी सालाना इनकम 2 लाख रुपए हो गई."

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SUDHA PATEL का खेत जहां की महिलाओं को रोजगार भी मिला (Image:Ravivar Vichar) 

काम बढ़ने के साथ ही सुधा के पति संतोष पटेल भी  दूध बेचने में सहयोग देने लगे.खेती में भी धान की फसल से कमाई हो रही. इस milk production से पेंड्रा में घर घर सुधा पटेल के परिवार की पहचान बन गई. 

मेहनत से बन गई Lakhpati Didi  

इस समूह में 11 सदस्य हैं. सुधा पटेल को लेकर Ajeevika Mission Bihan के DMM Shyam Gautam बताते हैं-"यह गांव का सबसे पहला SHG समूह है.सुधा पटेल ने पशु पालन में मेहनत कर कमाई शुरू की.लोन समय पर उतारा.अब यह Lakhpati Didi की श्रेणी में शामिल हो गई.समूह की महिलाओं को भी यह प्रेरित कर रही.
Village Organization की बैठक में भी सुधा पटेल को भेजा जाता है.पशु पालन के साथ मवेशियों की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए pashu sakhi भी जिले में काम कर रही.

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