Confidence के साथ बढ़ाया Business और बनी आत्मनिर्भर

मजदूरी करते हुए जब परिवार चलाना मुश्किल हो गया तब एक महिला ने जीवन में कुछ नया करने की ठानी.कई तरह के बिज़नेस शुरू किए और आत्मनिर्भर बन गई.यह गांव की महिला लोगों के लिए प्रेरणा बन गई.

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अपनी किराना दुकान पर मीना साहू (Image: Ravivar Vichar)

CG के Gourela-Pendra-Marvahi जिले के छोटे से गांव कोडगार की रहने वाली Meena Sahu अपनी ज़िंदगी को सिर्फ मजदूरी ही मानती रही.बड़ी मुश्किल से ढाई हज़ार रुपए भी कमा नहीं पाती. Ajeevika Mission Bihan के अधिकारियों ने SHG से जोड़ा.मीना ने मेहनत की और सफल हुई.

Mushroom production से chicken center तक की मालकिन 

कुछ साल पहले तक मजदूरी करने वाली मीना साहू  mushroom production से लगाकर chicken center तक चला रही.Gitanjali SHG की Meena Sahu बताती है-"आर्थिक परेशानी के कारण घर के खर्च नहीं निकल पाते.समूह से जुड़ी तो मिशन से लोन लेकर सबसे पहले सब्जियों की बाड़ी तैयार की.कमाई शुरू हुई तो Mushroom Production का काम शुरू किया.धीरे-धीरे tractor और थ्रेशर ख़रीदा.अब मैं chicken center भी चला रही.मेरे परिवार की कमाई सलाना 3 लाख रुपए से ज्यादा होने लगी."  

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मशरूम उत्पादन (Image: Ravivar Vichar) 

गीतांजलि समूह में 13 महिलाएं जुड़ीं.ये महिलाएं अपने अपने रोजगार को आगे बढ़ा रहीं. सचिव के रूप में विद्या साहू काम संभाल रहीं.

Demand में है Vegetables और Mushroom 

Meena Sahu की मेहनत रंग लाने लगी. इनकी बाड़ी की vegetables और mushroom production की डिमांड बढ़ रही.इधर खेती के लिए थ्रेशर और ट्रैक्टर भी फसल की लागत काम करने में मददगार हो गए.
Ajeevika Mission Bihan के DMM Durgesh Soni कहते हैं-"मीना साहू की पारिवारिक स्थिति कमज़ोर थी.मिशन बिहान से जुड़ने के बाद कई तरह के लोन की मदद मिली.CCL और बैंक से अलग अलग लोन करवाए.लगभग ढाई लाख रुपए के लोन से मीना ने अपने बिज़नेस को बढ़ाया."

मीना साहू अपनी मेहनत से Lakhpati Didi की श्रेणी में शामिल हो गई.इनकी कमाई हर महीने कम से कम 25 हज़ार रुपए से अधिक है.        

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