निरक्षर से साक्षर बन महिला कर रही अब गांव में लीडरशिप

कुछ साल पहले तक जो महिला निरक्षर थी,साक्षर बनी और अब ग्रामीणों महिलाओं की लीडरशिप कर रही.आर्थिक हालात बदल कर नई पहचान बना ली.कई तरह के बिज़नेस कर महिलाओं के लिए मिसाल बनी.

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निरक्षर से साक्षर बन महिला

बैठक में हिस्सा लेती शांति चावला (Image : Ravivar Vichar)

MP के Dhar जिले में मनावर ब्लॉक के वायल जैसे छोटे से गांव की शांति चावला की कहानी अपने आप में सफल कहानी है.SHG से जुड़ने के पहले और समूह से जुड़ने के बाद पूरा जीवन बदल गया.

Animal Husbandry से कर रही कमाई,बनी लखपति दीदी  

Dhar के मनावर ब्लॉक में वायल की शांति चावला के परिवार में 4 सदस्य हैं.न ज़मीन और न ही कमाई का कोई साधन.गरीबी से जूझते हुए उन्होंने साईं बाबा स्वयं सहायता समूह बनाया.शांति बताती है-"मैं निरक्षर थी.समूह में जुड़ने के बाद मैंने पढ़ाई शुरू की.समूह के पहले लोन से 3 बकरियां खरीदी.कुछ इनकम शुरू हुई.बाद में ग्राम संगठन और CCL से लोन सुविधा मिलने पर भैस भी खरीद ली.अब मेरी इनकम लगभग 30 हज़ार रुपए महीना हो गई."

DHAR SHANTI CHAWLA 12

अपने मवेशी के साथ समूह की शांति (Image : Ravivar Vichar) 

लगातार मेहनत करने के कारण शांति को Ajeevika Mission के अधिकारियों के सुझाव पर श्रीगणेश VO का अध्यक्ष बनाया.और नवशक्ति संकुल संगठन  में भी जुड़ गई. Animal Husbandry Business में अब ट्रेनिंग लेकर बेहतर दूध उत्पादन में सफल रही. 

गांव के साथ कई महिलाओं को जोड़ा समूह से 

खुद की आर्थिक स्थिति सुधर जाने के बाद शांति चावला को काम के लिए हिम्मत आ गई.Cluster Resource Person के रूप में समूह गठित करवा कर कई महिलाओं को जोड़ दिया.
Dhar की District Project Manager (DPM) Aparna Pandey बताती है-"धार जिले में शांति उन महिलाओं और परिवारों के लिए उदाहरण है जो गरीबी से जूझ रहे.शांति ने वायल गांव में सामूहिक नेतृत्व कर शौचालय,नल-जल योजना और सामाजिक पेंशन जैसी योजनाओं को लागु करने में बड़ी भूमिका निभाई." 
 

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