New Update
/ravivar-vichar/media/media_files/zf4EZg3s4qkiEYJvjh3B.jpg)
बुरहानपुर जिले में की जा रही मशरूम की खेती (Imange Credits : Ravivar Vichar)
बुरहानपुर जिले में की जा रही मशरूम की खेती (Imange Credits : Ravivar Vichar)
प्रदेश के कई जिलों में Self Help Group की महिलाएं मशरूम (Mushroom) की खेती कर रहीं. इनमें बुरहानपुर (Burhanpur) जिले के तीन गांव में मशरूम की खेती कर SHG की महिलाएं राज्य से बाहर भी प्रोडक्ट्स को भेज रही. प्रदेश में सबसे सफल प्रोजेक्ट में होशंगाबाद, मुरैना, अनुपपुर जैसे जिलों में भी समूह की महिलाएं मिसाल बन चुकीं हैं.
मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) को जबलपुर (Jabalpur) में प्रोत्साहित करने जिला पंचायत प्रशासन (ZP) के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) श्वेता महतो कहती हैं - "इस प्रस्ताव को जिला प्रशासन से भी सहमति मिल चुकी है.आदिवासी बहूल कुंडम विकासखंड में 6 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 42 यूनिटों से मशरूम की खेती कराने की तैयारी है. इन सभी SHG यूनिटों को सौ-सौ प्रोडक्शन बैग और मशरूम बीज (Mushroom Seed) उपलब्ध कराए जाएंगे।"
इससे पूर्व उन्हें बकायदा मशरूम (Mushroom) की खेती (Farming) के लिए ट्रेनिंग (Training) गई जाएगी. इस योजना से जहां स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) के सदस्यों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, वहीं इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
कॉन्टिनेंटल ने बढ़ाया मशरूम का क्रेज़
कॉन्टिनेंटल खाना (Continental Food) आज इतना पॉप्यूलर हो गया है की घर, हॉटल या शादी, हर जगह मौजूद है. कॉन्टिनेंटल क्यूसीन (Continental Cuisine) में मशरूम (Mushroom) वैसा ही है जैसे देसी खाने में धनिया. यह लगभग हर कॉन्टिनेंटल डिश (Continental Dishes) में उपयोग होता है. मशरूम (Mushroom) की ऐसी धूम है कि कीमतें आसमान छू रही है.
ढाई सौ वर्ग फुट के कमरे में इसकी खेती की जा सकती है. प्रत्येक बैग में 22 से 25 दिन में एक किलो मशरूम (Mushroom) पैदा हो जाता है. मार्केट में फ्रेश मशरूम कम से कम 150 रुपए किलो बिक जाता है. एक यूनिट से एक महीने सेे भी कम समय में 14-15 हजार रुपए की लागत में मुनाफा कमा सकते हैं.जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) आशीष शर्मा, होशंगाबाद, संतमति खलखो, बुरहानपुर, मुरैना के दिनेश तोमर बताते हैं- "प्रदेश में शासन के सहयोग से मशरूम की खेती में SHG ने नई पहचान बना ली."
मशरूम (Imange Credits : Ravivar Vichar)
एडिशनल CEO मनोज सिंह कहते हैं - "हमें ख़ुशी है समूहों के सदस्यों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए मशरूम की खेती के लिए प्रमोट किया जा रहा. कुंडम ब्लॉक के 42 एसएसजी परिवारोें के लिए जिला प्रशासन से सहमति भी मिल गई."
जिला पंचायत (ZP) के सीईओ (CEO) जयंती सिंह और कलेक्टर (DM) सौरभ के.जैन (Saurabh K. Jain) ने खुद इस खेती को लाभदायक बताया.