MP के Khargone जिले के Likkhi गांव में self help group की महिलाओं ने एकजुट होकर काम किया.Animal Husbandry का प्रयोग सफल रहा.आज यह गांव इन्हीं समूह की महिलाओं की वजह से Village of Milk Production के नाम से जानते हैं.
4 लीटर से 400 लीटर से अधिक तक पहुंचा Milk Production
खरगोन जिले के लिक्खी गांव में मिशन के अधिकारियों कई समूह बनवा कर मजदूरी कर महिलाओं को नए रोजगार के अवसर दिए. Animal Husbandry में रूचि होने से ये महिलाएं इस दिशा में आगे बढ़ीं. 5 SHG से जुड़ीं महिलाएं इस समय पशु पालन के तहत भैंस पालन का काम कर रहीं.
खरगोन के लिक्खी में दूध दुहती समूह सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
Mannat SHG की Ayasha Haroon बताती हैं-"हम पांच स्वयं सहायता समूह की सदस्य मिलाकर पशु पालन कर रहीं.हमारे पास 46 भैंसे उन्नत किस्म की हैं.अलग-अलग हमारी भैसों से 4 लीटर दूध भी बड़ी मुश्किल से मिलता.हमारी स्थिति भी अच्छी नहीं थी.अब हम local dairy पर 450 लीटर दूध रोज़ बेच रहे.हमारी अलग पहचान बनी.कमाई भी बढ़ गई."
यहां गांव में ही दो सेंटर्स हैं जहां दूध कलेक्शन होने से समूह की महिलाओं को दूध बेचने के लिए बाहर बेचने नहीं जाना पड़ता.
Water Shade का मिला साथ और मजबूत हुए SHG
इस गांव में Government के नियमानुसार पूर्व में चलाई जा रही Water Shade Scheme का convergence, Ajeevika Mission के Self Help Group का साथ कर दिया गया.
Ajeevika Mission की ABM Deepika Joshi बताती हैं-"लिक्खी गांव में Animal Husbandry Project सफल रहा.यहां तेज़ी से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और मिल्क प्रोडक्शन में नाम कमा रहीं. पांच समूह की महिलाओं ने गांव को milk production के क्षेत्र में नई पहचान दी.समूह को RF से लगाकर CCL का लोन भी दिलवाया गया."
पशु पालकों को स्वरोजगार अंतर्गत पहले ट्रेनिंग भी दी गई (Image: Ravivar Vichar)
खरगोन जिले में कई राज्य स्तरीय और केंद्रीय टीम लिक्खी का दौरा कर अध्ययन कर चुकीं.
आजीविका मिशन के DPM Ramakant Patidar बताते हैं-"जिले में कई जगह पशु पालन का काम समूह की महिलाएं कर रहीं.ख़ुशी है कि इन महिलाओं में से कई महिलाएं अब Lakhpati Didi की श्रेणी में शामिल हो गईं."
पशुओं की देखभाल के लिए Pashu Sakhi भी अपनी सेवाएं दे रहीं.इस गांव में पशु पालन को लेकर लगातार पशुओं की संख्या बढ़ रही.