छोटी शुरुआत से बना बड़ा उत्पादक समूह

जॉइंट फैमिली की परेशानियों से निपट कर एक महिला ने घर से ही छोटी से शुरुआत की. और देखते ही देखते गांव में कई काम शुरू किए.यहां तक कि महिलाओं के साथ उत्पादक समूह बना किया.Business बढ़ाया. घर की आर्थिक परेशानियों को दूर करने में ख़ास मदद करने लगी.

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छोटी शुरुआत से बना बड़ा उत्पादक समूह

उत्पाद समूह द्वारा एक साथ उपज खरीद कर बेच रहे सदस्य (Image: Ravivar Vichar)

MP के Dhar जिले के तिरला ब्लॉक में दिलावरा गांव की रहने वाली रतन बाई सोलंकी की यह कहानी है.घरेलु मजदूरी,थोड़ी बहुत खेती और पति बच्चों सहित बड़ा परिवार.कमाई केवल 10 से 12 हज़ार रुपए बड़ी मुश्किल से होती.
मिशन के संपर्क में आने के बाद self help group बनाया.और कई तरह से कमाई शुरू हुई.

Milk Production Selling, Agriculture सहित शुरू किया business 

धार जिले के गांव दिलवारा में रतन सोलंकी अपने परिवार के साथ गुजर बसर कर रही थी.पति और परिवार की चार बीघा ज़मीन और मजदूरी कर घर चला रहे थे.आजीविका मिशन के ब्लॉक अधिकारियों ने गांव में संपर्क किया.रतन देवी को श्री कृष्ण स्वयं सहायता समूह से जोड़ा. रतन सोलंकी ने पानी पढाई का पूरा फायदा लिया.

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अपने उत्पाद के साथ रतन सोलंकी (Image: Ravivar Vichar) 

समूह की रतन सोलंकी कहती है-"मेरे घर में एक भैंस थी.समूह से जुड़ी.एक लाख दस हज़ार रुपए का लोन मिला. मैंने 20 हज़ार रुपए की बकरियां खरीदी.50 हज़ार की अगले लोन से 4 गाय खरीद कर हिम्मत जुटाई.खेती के आलावा हमारे घर 6 भैसें, तीन गाय और बकरियां पाल ली.हमने लगभग 12 लीटर रोज़ दूध बेचना भी शुरू किया. हमारी कमाई 25 से 30 हज़ार रुपए हर महीने होने लगी."                

bank sakhi के साथ बनाया उत्पादक समूह 

अपनी आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद रतन दीदी को mission ने bank sakhi बना दिया. दूसरी महिलाओं को मदद करने के लिए बैंक सखी के अलावा रतन दीदी CRP भी बन गई.


रतन सोलंकी आगे बताती है-"मिशन की मदद और लोन से मेरी स्थिति अच्छी हुई.मेहनत करने के कारण MPGB के तहत महिलाओं को भी bank का लाभ दिया.मैं दिलवारा  village organization और सलकनपुर श्री गणेश महिला संकुल संगठन से जुड़ गई.हम 15 महिलाओं ने सरस्वती उत्पादक समूह बनाया.हम छोटे किसानों से उनकी उपज एक साथ लेकर बल्क में बेचते हैं,इससे अधिक फायदा होने लगा."

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उत्पाद समूह गठन के बाद खड़ीं समूह की सदस्य (Image: Ravivar Vichar)

Ajeevika Mission के DM Arpit Arya कहते हैं-"लगातार बेहतर काम करने के कारण इस समूह को उचित मूल्य की सहकारी संस्था संचालन का भी मौका दिया.इसके अलावा कई तरह से योजनाओं का लाभ लिया."
Ajeevika Mission की DPM Aparna Pandey कहती हैं-"रतन देवी ने 15 महिलाओं का सरस्वती फसल उत्पादक समूह बनाया.सभी कामों को अच्छे से निभाने के कारण कमाई बढ़ी. तिरला ब्लॉक के छोटे से गांव में रतन सोलंकी के काम और मेनहत से हुई आत्मनिर्भर बनने की कहानी मॉडल है.हम दूसरे समूह को भी प्रमोट कर रहे." 

     

self help group Bank Sakhi CRP Village Organization