MP के Dhar जिले के Bola गांव की सोना बाई बागड़ी की शादी बचपन में कर दी गई. ससुराल में आकर भी मजदूरी और आर्थिक परेशानी से बाहर नहीं निकल सकी.यह परेशानी तब और बढ़ गई जब 2016 में सोना के पति तुलसी राम का भी निधन हो गया. सोना ने बिना घबराए कुछ नया करने की ठानी.
5 वीं पास थी, अब बैंक सखी बन करती लाखों का हिसाब
केवल 5 वीं पास सोना दीदी ने मजदूरी और घर के काम करते दोनों बच्चों को बढ़ा किया.इसी बीच पति तुलसीराम की मौत हो गई. Ajeevika Mission के अधिकारियों ने सोना की ज़िंदगी को बदल दिया.
Dhar जिले के सरदारपुर ब्लॉक अंतर्गत बोला गांव की सोना बागड़ी बताती है-"मैं 5 वीं पास थी.स्वयं सहायता समूह से जुड़ी. बच्चों के साथ मैंने फिर से पढ़ना शुरू की. 10 वीं तक पास की. मेरा काम देख मुझे Bank Sakhi बना दिया. आजीविका मिशन में CRP भी बन गई.मेहनत कर 300 समूह बनाए. समूह से 3 हज़ार से ज्यादा महिलाओं को जोड़ दिया. समूह से पहले 30 हज़ार का लोन और फिर डेढ़ लाख का लोन बैंक से लिया. सिलाई मशीन खरीदी.ट्रेनिंग के बाद मेरी आर्थिक हालत सुधर गई.अब मैं लाखों रुपए का हिसाब कर लेती."
किट लेते हुए सोना (Image:Ravivar Vichar)
Sardarpur Block Manager (BM) Narendra Singh कहते हैं -"बोला गांव की सोना दीदी मजदूर परिवार से थी. Self Help Group से जोड़ कर उन्हें रोजगार से जोड़ा.खुद ने मेहनत की. CRP के साथ वह CLF की सचिव भी बनी. अब उनकी पारिवारिक स्थिति और कमाई अच्छी होने लगी.समूह से जुड़ने के कारण उनके बच्चों को भी रोजगार मिल सका."
शाही बग्गी की मालकिन हुई सोना दीदी
मजूदरी की तलाश करने वाली सोना ने अपने पूरे परिवार को रोजगार से जोड़ दिया. सोना बागड़ी आगे बताती है-"मुझे हिम्मत आ गई.समय पर लोन उतारे. बड़े बेटे को धार भेज कर ट्रेनिंग दिलवाई. 5 लाख का लोन लेकरऑटोपार्ट्स की दुकान खुलवाई. काम जमने लगा तो शाही बग्गी खरीद कर तैयार की.मांगलिक आयोजनों में ख़ास कर शादी-जुलूस में इस बग्गी की मांग बढ़ जाती. मेरा छोटे बेटे को कॉलेज में पढ़ा रही."
Image: Ravivar Vichar
Ajeevika Mission District Project Manager (DPM) Aparna Pandey कहती हैं -"बोला गांव की सोना SHG के लिए मिसाल है.पढाई,बच्चों को पढ़ाना,खुद रोजगार के साथ दूसरे गांव की महिलाओं को भी समूह से जोड़ा. Bank Sakhi, Cluster Resource Person के रूप में काम कर खुद की कमाई कर रही."