UP के Banaras जिले के मंगोलेपुर गांव की मधुबाला self help group से जुड़ी. शुरुआत में परेशानियों का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी.आज मवेशी पालन के साथ अपने हाथों से बनाई Jewellery से आर्थिक मजबूती मिली.
Designer Jewellery बनाकर मिली SHG को पहचान
Banaras जिले के Cholapur block के Mangolepur की रहने वाली मधुबाला चौहान की पूरी ज़िंदगी बदल गई. Madhubala बताती है-"शुरू में घर में एक-दो बकरी को पालती थी.आर्थिक परेशानी थी. मैं चौरा माता स्वयं सहायता समूह से जुड़ी. jewellery बनाने के लिए मुझे ट्रेनिंग दी. धीरे-धीरे मैंने काम शुरू किया.CCL से 75 हजार रुपए का Loan लिया. घर पर ही मेटल और डाई मशीन खरीदी.हर बार अलग डिज़ाइन के आर्टिफिशियल जूलरी सेट बनाए.लोकल व्यापारी को फुटकर और थोक बेचना शुरू किए. दो बार लोन लिया और वह भी चुका दिया."
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मंगोलेपुर गांव के लोगों का कहना है कि मधुबाला के यहां तैयार जूलरी बहुत अच्छी बनती है. इसे किसी भी आयोजन में पहन सकते हैं. Designer Jewellery बनाकर SHG को नई पहचान मिली.
एक साल में पहुंचा जूलरी का 9 लाख का कारोबार
छोटे से गांव में रहकर जूलरी बनाने वाली मधुबाला ने अपनी मेहनत से कारोबार को बढ़ाया. मधुबाला आगे बताती है- "साल 2022 में मेरा कारोबार 6 लाख रुपए का हुआ. मेरी बचत 85 हजार रुपए की हुई. परिवार में पति शिवानंद चौहान भी हमारी मदद करते हैं. त्यौहार और शादी के सीज़न में 3 लाख से 4 लाख रुपए तक कमाए."
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Banaras District Mission Manager (DMM) Pradeep Kesarwani बताते हैं-"चोलापुर ब्लॉक का यह ख़ास स्वयं सहायता समूह है. SHG की महिलाओं को ट्रेनिंग देकर jewellery बनाने के लिए ट्रेन किया. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा."
State Rural Livelihood Mission Lucknow के SPM Ajay Pratap singh कहते हैं-"UP में महिलाओं में SHG से जोड़कर Skill Development में ख़ास ध्यान दिया जा रहा. प्रदेश में समूह की महिलाएं लगातार आत्मनिर्भर होकर परिवार का साथ दे रहीं."