MP के छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ ब्लॉक के छोटे से गांव पालखेड़ा को जैविक खेती की नई पहचान मिलने लगी. यहां की महिलाओं ने जैविक समूह बना कर खेती में नई शुरुआत कर अपना जीवन स्तर बदल लिया.
जैविक खेती ने बदल दी SHG महिलाओं की जीवनशैली
Chhindwara जिले के मोहखेड़ ब्लॉक के पालखेड़ा गांव की SHG से जुड़ी 23 महिलाओं ने Organic Farming Group बनाया. इस समूह से जुड़ी अनुराधा गाडरे बताती है- "हमारी खेती की पूरी ढाई एकड़ ज़मीन लगातार बंज़र होती जा रही थीं. परिवार को लगातार घाटा होता जा रहा था. रासायनिक खाद के उपयोग से फसल का उत्पादन भी कम होने लगा.हमने नवीन जैविक समूह बनाया. हमारी जीवनशैली ही बदल गई. हम गेहूं और मक्का के साथ अब सब्जियां भी लगा रहे."
जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया समझते हुए समूह सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
Chemical Fertilizer के उपयोग करते-करते अनुराधा के परिवार की स्थिति बहुत ख़राब हो गई.हालत यह बनी कि खुद की खेती की ज़मीन होने के बावजूद बाहर के खेतों में मजदूरी करने जाने को मजबूर हो गए.
लागत भी नहीं निकल पा रही थी.
Organic Farming से उपजाऊ हो रही खेती की ज़मीन
पालखेड़ा गांव में 23 महिलाओं के organic group ने जैसे ही Ajeevika Mission के अधिकारियों और Agriculture Expert की मदद से Organic Farming शुरू की, वैसे ही खेती की ज़मीन उपजाऊ होने लगी. सालाना इनकम भी लागत निकाल कर बढ़ गई. SHG की ग्रुप की अनुराधा आगे बताती है-"हमने अपने खेती में केंचुआ खाद,जीवामृत सहित पत्ती काढ़ा का उपयोग किया, वैसे ही फसल उत्पादन पर असर पड़ा. मुझे ख़ुशी है कि अब जैविक खेती के लिए मुझे समूह और गांव में भी बुलाया जा रहा."
जैविक खाद के साथ समूह की अनुराधा (Image: Ravivar Vichar)
Chhindwara District Manager Rekha Ahirvar कहती है- "जिले में organic farming को लेकर समूह सदस्यों में जागरूकता आ रही. हम लगातार जैविक खेती को प्रमोट कर रहे. पालखेड़ा में सभी दीदियां इस खेती को पसंद कर रही."
State Rural Livelihood Mission Bhopal के SPM (Ag) Manish Singh कहते हैं-"पिछले कुछ सालों का प्रयास अब सफल होने लगा. अधिकांश जैविक समूह अपनी खेती में organic farming की ओर रूचि ले रहे. छिंदवाड़ा जिले में भी कई समूह ने मिसाल कायम की. यह NRETP (National Rural Economic Transformation Project) के तहत जैविक खेती का लाभ दिया जा रहा."