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![श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा में भेजेंगे सतना SHG](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/m7kVaIOfLPB5SskpBpkq.jpg)
गोरा गांव में गोबर से बनाए गए दीये जिसे पैक कर भेजा जा रहा (Image: Ravivar Vichar)
गोरा गांव में गोबर से बनाए गए दीये जिसे पैक कर भेजा जा रहा (Image: Ravivar Vichar)
भगवान श्रीराम के प्रसंग से जुड़े चित्रकूट और सतना जिले के पास गोरा गांव इन दिनों चर्चा में हैं. यहां के self help group की महिलाएं गोबर के दीये बना रहीं. महिलाएं पूरी आस्था से इन दीयों पर चित्रकारी कर और अधिक आकर्षक बना रहीं.
MP के Satna जिले के Amarpatan block के Gora गांव की SHG महिलाएं ये दीये बना रहीं. सद्भावना स्वयं सहायता समूह की सविता सिंह बताती हैं-"मुझे ख़ुशी है कि हमारे समूह सदस्य दीदियों द्वारा बनाए गोबर के दीये श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा (Shriram Pran Pratishtha)आयोजन में भेजे जा रहे. हम खुद गोशाला का संचालन करते हैं. इसलिए हमें गोबर भी आसानी से मिल गया. इस काम से हमें अलग से कमाई हो रही."
मूह की सदस्य दीयों पर कलर कर तैयार करती हुई (Image:Ravivar Vichar)
इसी समूह से जुड़ी ज्योति सिंह का कहना है-"सीज़न में हम गोबर से सब तरह के आइटम बनाते हैं. खासतौर पर त्यौहार में मूर्तियां और दीये बनाते हैं.गौशाला से हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई. अभी हम 2100 दीये अयोध्या भेज रहे."
अयोध्या में गोबर से तैयार दीये भेजने के लिए महिलाओं में खास तरह का उत्साह दिख रहा. Satna जिले के Amarpatan block के BM Amit Shukla बताते हैं-"इस ब्लॉक में कई तरह की गतिविधि समूहों द्वारा की जा रही. Cow dung से बनाए जा रहे दीये के लिए ख़ास तरह के रंग का भी उपयोग किया गया. सदस्यों को ट्रेनिंग भी दी गई.इस परिसर में vermicompost भी बना आकर किसानों को बेचते हैं."
समूह सदस्य नए डिज़ाइन के गोबर दीये तैयार करते हुए (Image:Ravivar Vichar)
जिले के ही Ajeevika Mission के DM Indrajeet Patel कहते हैं- "हमारे लिए गर्व की बात है कि सतना से तैयार इकोफ्रेंडली दीये अयोध्या भेजे जा रहे.ये ख़ास तरह के दीये हैं. दूसरे समूह भी दीये बना रहे जो जिले के गांव में उपलब्ध होंगे."
Ajeevika Mission District Manager (DPM) Anjula Jha का बताती हैं-"हमें ख़ुशी है कि जिले की गोरा SHG की महिलाएं cow dung diya बना रहीं.ये दीये आस्था के साथ अयोध्या ख़ास तरह की आकर्षक पैकिंग में भेजे जा रहे. सीज़न में यही महिलाएं गोबर से बनाए जाने वाले दूसरे आइटम में सहयोग के लिए 20 से ज्यादा दूसरी जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार भी देती है.