हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी (Mandi) जिले में वन विभाग (Forest Department) की एक योजना SHG की महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई. 28 दिन की ट्रेनिंग के बाद महिलाएं बड़े कारोबार में जूट गईं. अब ये सिलाई कर कपड़े और जूट के बैग्स बना रहीं.
जायका योजना में ट्रेनिंग और लाखों का कारोबार
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी (Mandi) जिले में वन विभाग (Forest Department) की जायका वानिकी परियोजना (Jayka Forest Planing) के 28-28 दिन की कपड़े की सिलाई तथा जूट बैग (Jute Bags) बनाने की निःशुल्क ट्रेनिंग दी. यह ट्रेनिंग वन परिक्षेत्र सुकेत में ग्राम वन विकास समिति भंगलेरा में हुई. महामाया स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की राधा बाई बताती है- "हमें अच्छे से ट्रेनिंग दी गई. हम अब जूट के बैग्स और दूसरे कपड़े बना रहे. सभी सदस्य स्कूल्स, मेला और हाट में अपने सामान बेच रहे."
SHG की महिलाओं द्वारा तैयार जूट बैग्स (Image Credit: Amar Ujala)
इस SHG की महिलाएं ट्रेनिंग के बाद दो महीनों में ही लगभग 2 लाख रुपए धनराशि कमा चुकी हैं. इस काम से उनकी आर्थिक हालत में बहुत सुधार हुआ.
SHG की महिलाओं और करेंगे मजबूत
वन विभाग (Forest Department) की जायका योजना (Jayka Scheme) के पॉजिटिव रिजल्ट आने से विभाग के अधिकारियों ने ख़ुशी जाहिर की. जिले के डीएफओ (वन मंडलाधिकारी) सुकेत राकेश कटोच ने बताया - "स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जायका के माध्यम से योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं. दूसरे समूह की महिलाओं को भी जागरूक किया जा रहा है.मुझे ख़ुशी है ट्रेनिंग से Self Help Group से जुड़ी महिलाएं घर बैठे काम करके कमाई कर रहीं."
SHG की महिलाएं 100-500 रुपए तक के बैग बनाती हैं. साथ ही गांव और आसपास के क्षेत्र की महिलाओं के ड्रेस मटेरियल की सिलाई भी घर पर ही करती हैं. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के अधिकारियों का कहना समूह (SHG) की महिलाओं को और अधिक ट्रेनिंग (Training) के लिए प्रमोट करेंगे.