मोमबत्तियां (Candles) घर में सजावट के रूप में इस्तेमाल होने के साथ मेंटल हेल्थ को सही रखने में भी मदद करती है. स्ट्रेस कम करने में मदद करती है. मोमबत्तियों की बढ़ती डिमांड स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) की महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर बन रही है.
Tagore Appreciation Society SHGs को दे रही कौशल विकास की ट्रेनिंग
2017 में सोहिनी और प्रणय गुप्ता ने सिलीगुड़ी (Siliguri) में Tagore Appreciation Society (टीएएस) शुरू की. पिछड़ी जातियों और गरीबी रेखा (BPL) की महिलाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी ताकि वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें.
महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHG) अहम भूमिका निभा रहे हैं. NGOs के साथ मिलकर गरीब महिलाओं को ट्रेनिंग देकर, उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा कर, उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने में मदद कर रहे हैं.
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2022 में टीएएस ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) scheduled caste, scheduled tribe और other backward classes (OBC) विकास और वित्त निगम के साथ मिलकर सिलिगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों से 40 गरीब महिलाओं के साथ मोमबत्तियां बनाने का काम शुरू किया.
महिलाएं बना रहीं सूखे और दबे हुए फूलों से वैक्स टैबलेट
सिंदेबोंग में स्थित टीएएस की एक यूनिट, महिलाओं को सूखे और दबे हुए फूलों की वैक्स टैबलेट बनाने की ट्रेनिंग दे रही है. कलिम्पोंग सिंदेबोंग में स्थित पिक्चरेस्क गांव, वनस्पति और जीवों से भरा है पर बेरोजगारी के कारण ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. स्वतंत्र समृद्धि समूह बनाकर गांव की महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही जिससे वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सके.
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जंगली फूलों से SHG बना रहे सजावट के सामान
SHG महिलाएं अलग-अलग जंगली फूलों से मोमबत्तियां, फोटो फ्रेम्स, फूलों के बुके, एक्सेसरीज़, और अन्य घर की सजावट के सामान बना रहीं हैं. टीएएस की प्रोजेक्ट हेड राधिका घोष करमकार, उप प्रोजेक्ट मैनेजर्स जितेश मेहता और विरल दोषी, और टीम के प्रशिक्षक नंदलाल शाह, अनिंदिता बोस, सरोजा छेत्री और खुशबू शर्मा ने प्रोजेक्ट में भागीदारी दी. शुरुआत में शिक्षार्थी 'द अजम्बरी टेल्स,' लवक्षण आरोमेटिक कैंडल, ' सूखे और दबे हुए फूल से बनाने के प्रोजेक्ट में शामिल हुए.
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अजम्बरी स्वदेशी फूल है जिसे स्थानीय लोग अमर मानते हैं. इसका उपयोग अजमबरी लक्जरी आरोमेटिक कैंडल्स और वैक्स टैबलेट्स बनाने के रूप में किया गया है. TAS द्वारा शुरू किये गए प्रोजेक्ट्स Self Help Groups की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद कर रहे है. महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनकर महिला सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर हो रहीं है.