नागालैंड (Nagaland) में बैंबू विकास एजेंसी (Bamboo Development Agency) द्वारा 'बैंबू शूट पिकल प्रसंस्करण' (Bamboo Shoot Pickle Processing) के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (Self Help Groups) के लिए दो-दिन की कार्यशाला का आयोजन किया गया. दिमापुर (Dimapur), नागालैंड में फ्रूट्स और वेजिटेबल प्रोसेसिंग प्लांट (Fruits and Vegetable Processing Plant, Dimapur, Nagaland) शुरू हुआ है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष, वाई.एल. थोंगट्सार, सदस्य, नागालैंड बैंबू मिशन इम्प्लीमेंटेशन टीम (NBM-IT) ने बताया कि ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य नागालैंड Self Help Groups से जुड़ी महिलाओं को बैंबू आधारित व्यवसाय से जोड़कर बढ़ावा देना हैं.
कार्यशाला में महिला SHGs ने लिया भाग
कार्यशाला में तीस प्रतिभागी गांवों की बैंबू विकास समिति, व्यक्तिगत उद्यमिता जो अपना व्यवसाय शुरू करने में रुचि रखते हैं, और महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने भाग लिया.
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बैंबू से राज्य में होगा आर्थिक विकास
कार्यशाला के मुख्य अतिथि नागालैंड बैंबू मिशन इम्प्लीमेंटेशन टीम (NBM-IT) के वरिष्ठ सदस्य अलेम लोंगकुमेर बताते हैं कि बैंबू सबसे तेज बढ़ने वाला पौधा होने के साथ सबसे सस्ता और नागालैंड में सबसे ज़्यादा उपलब्ध है. बैंबू से राज्य में आर्थिक विकास होगा. नागालैंड (Nagaland) देश का पहला राज्य है जिसने बैंबू नीति (Bamboo policy) तैयार की है.
SHG महिला उद्यमियों को दी जाएगी ट्रेनिंग
लोंगकुमेर बताते है कि नागालैंड सरकार (Nagaland Government) ने नागालैंड बैंबू विकास एजेंसी (Nagaland Bamboo Development Agency, NBDA) SHG महिला उद्यमियों (SHG Women Entrepreneurs) को ट्रेनिंग देने के लिए बनाया है.
उद्यम योजना के साथ सरकार ने बैंबू से जुड़ी एक्टिविटीज़ के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने, प्रोत्साहित करने, सहायता करने और बैंबू आधारित व्यापार शुरू करने के लिए कदम उठाया.
अलेम ने बताया कि एजेंसी बैंबू विकास के लिए बैंबू उद्योगों को बनाने और विकास के लिए अलग फंड देगी. लोकी बाजार में बैंबू शूट अलग-अलग तरह उपयोग हो रहा था, पर इसकी पहुंच स्थानीय बाजार तक ही सिमित थी. लोगों की आय भी सिमित ही थी. लोगों की इसी सिमित पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए इस पहल की शुरुआत की गई है.