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कटनी जिले के गांव में समूह की महिलाओं से जानकारी लेते डीएम अवि प्रसाद (Image Credit: Ravivar Vichar)
राशन दुकानों को लेकर महिलाओं के रास्ते आसान
"दो मासूम बच्चों के साथ पति ने मुझे छोड़ दिया. समाज के ताने और गरीबी की हालात में कभी नहीं सोचा कि मेरे दिन पलट जाएंगे. जिस राशन खरीदने के लिए रात-दिन संघर्ष करती आज सरकार ने मुझे राशन की पूरी दुकान पर ही सम्मान से बैठा दिया. मेरी कमाई भी शुरू हुई और समाज में अच्छे से रहने लगी." मध्यप्रदेश(MP) के कटनी(Katani) जिले के मतवार पडरिया गांव की अंजलि पटेल ने भावुक हो कर यह बात कही. जिले में ऐसी 29 राशन(Ration) की दुकानों पर प्रशासन ने स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं को रोजगार का नया अवसर दे दिया.
कलेक्टर अवि प्रसाद ने खुद समूह की सदस्यों से बात कर हौसला बढ़ाया (Image Credit: Ravivar Vichar)
महिलाओं की सुविधा के लिए नई दुकान
कटनीप्रशासन ने जिले के छह विकासखंडों में से 29 दुकानों के लिए स्वयं सहायता समूह (SHG) को जिम्मेदारी दी. आजीविका मिशन की जिलाप्रबंधकसीमा शुक्ला कहती है- " ग्रामीणों खासकर महिलाओं की सुविधा के लिए अलग-अलग प्रशासन ने 24 नई राशन की दुकानें खोल दी. जिले के बड़वारा, बोहरीबन, ढीमरखेड़ा, रीठी, विजय राघौगढ़ और कटनी ब्लॉक में ये दुकानें खोलीं. अपने अलग कामकाज के साथ ये महिलाएं अच्छे से दुकानों को चला रहीं."
पठरा गांव के सीता स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षअंजू और सचिवराजकुमारी बताती हैं- "हमारे और काम के साथ राशन की दुकान का मौका मिला. हमारी कमाई बढ़ने के साथ समझ भी बढ़ी है." दुकानों पर लोग आसानी से पहुंच रहे. कैना गांव के लोगों का कहना है- "पहले हमें अनाज के लिए लंबी लेने लगनी पड़ती थी. अब अनाज भी पूरा मिल रहा. सरकार का यह फैसला अच्छा है." यहां की दुकान का काम मां सरस्वती स्वयं सहायता समूह को मिला. इस समूह की मनोरमा सिंह कहती है-"सभी काम के साथ इस दुकान को भी अच्छे से संभाल रही. कम से कम 15 हजार रुपए महीने कमाने लगी हूं."
कटनी जिले में राशन की दुकान जहां हितग्राही पहुंच रहे (Image Credit: Ravivar Vichar)
सुविधा के लिए बढ़ाई दुकानें
आजीविका मिशन (Ajiveeka Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) शबाना बेगम बताती है- " शासन के इस निर्णय से समूह की महिलाओं को बहुत लाभ मिल रहा. सभी सदस्य दुकानों को अच्छे तरीके से चला रहे.सभी समूहों को नियम और योग्यता के आधार पर दुकानें दी गईं."
प्रशासन ने गांव वालों की सुविधा के लिए दुकानों की संख्या बढ़ा दी. कलेक्टरअवि प्रसाद (Avi Prasad) खुद ने इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनटरिंग की. डीएमप्रसाद कहते है- "समूह की महिलाओं को दुकान आवंटित करने के साथ ही हमने उनकी ट्रेनिंग को ख़ास फोकस किया. इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा. फाइनेंशियल लिट्रेसी महिलाओं की स्ट्रॉन्ग हुई.अब वे बहुत सक्षम तरीके से दुकानों का संचालन कर रहीं."
कटनी जिले में ही 477 उचित मूल्य की दुकानों से 2 लाख 26 हजार से ज्यादा परिवारों को लाभ मिल रहा. जिनको शकर,चावल ,नामक और गेहूं दिए जा रहे.