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बुरहानपुर जिले के डोईफोड़िया गांव की राशन दुकान कोसंचालित करती समूह की सदस्य (Image Credit: Ravivar Vichar)
बुरहानपुर जिले के डोईफोड़िया गांव की राशन दुकान कोसंचालित करती समूह की सदस्य (Image Credit: Ravivar Vichar)
बुरहानपुर (Burhanpur) जिले में खेती और केले के रेशों (Bnana Fibers) से आइटम बनाने के अलावा यहां की महिलाओं ने एक नई चुनौती ले ली. अब ये महिलाएं कंट्रोल की दुकानों को कंट्रोल करेंगी. जिले की ऐसी 45 राशन दुकानों (Control Shop) को स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की सदस्य संभालेंगी. जिला प्रशासन ने समूह की महिलाओं को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये दुकानें तय की हैं.इनमें से चार समूह ने काम शुरू भी कर दिया.
खकनार (Khaknar) ब्लॉक के डोईफोड़िया गांव की दुकान रही रही शीतला स्वयं सहायता समूह (SHG) की अध्यक्ष सरला महाजन और सचिव दीपिका कहती है- "हम अभी तक दूसरे रोजगार से कमा रहे थे. हमें दुकान चलाने का मौका मिला. हम इसे अच्छे से चलाएंगे. गांव वालों की सुविधा का हम ध्यान रखेंगे.हम बहुत खुश हैं कि हमें नए रोजगार से जोड़ा."
उधर बुरहानपुर ब्लॉक के बसाड़ गांव के संतोषी स्वयं सहायता समूह (SHG)की अध्यक्ष अनीता और सचिव रमा बताती है- "हमें जैसे ही पता चला कि राशन की दुकान चलने का मौका हमें मिलेगा, समूह की सभी सदस्य बहुत खुश हैं. हमारी कमाई बढ़ेगी." फ़िलहाल चार दुकानों के लिए प्रस्ताव बना कर स्वीकृति ली.ये समूह सिंधखेड़ा में सरस्वती समूह और चाकबारा में जय जगदंबा समूह दुकान संचालित करने लगा.
जिले के बुरहानपुर (Burhanpur) और खकनार ब्लॉक में इन दुकानों को चिन्हित किया. आजीविका मिशन (Ajiveeka Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) संतमति खलखो ने बताया- " जिले में समितियों ने जिन दुकानों को वापस प्रशासन को हेंडओवर किया, उन दुकानों को अब समूह के महिलाएं चलाएंगी. जिले में 45 दुकानों के लिए यह प्रक्रिया तय की गई गई. 45 समूहों की सूची बनाई गई.शुरुआत में चार समूहों के नाम भेज दिए.दुकानें देने के लिए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है." समूह की अध्यक्ष और सचिव को दसवीं पास होना जरुरी है. साथ ही समूह कम से कम एक साल पहले गठित होना चाहिए.
जिले के ऐसे कई गांव थे जहां सहकारी सोसाइटी के पास एक से अधिक राशन की दुकानें थी. प्रशासन ने अब एक समिति एक दुकान नियम लागू कर दुकानों को वापस ले लिया. जिले में खकनार विकासखंड के गांव चांदनी, बोरसल, वारोली, डवालीखुर्द, सोनूद, नावथा, हैदरपुर, नावरा, मजगांव, बड़सिंगी, पिपरी रैयत, पाचोरी, मोहनगढ़, झिरमिटी, धार बेलथड़, बिजोरी, चिड़ियामाल, नागझिरी, आमगांव, ताजनापुर, सांडसकला और बुरहानपुर विकासखंड के गांव मंगरूल, असीरगढ़, उताम्बी, सुक्ता, गंभीरपुरा, मालवीर, जम्बूपानी, टिटगांवकला, बड़गांव, सेलगांव, मोरदड़, धामनगांव, वारोली, खडकोद, अड़गांव, मोरदनखुर्द, हरदा, टेमनिया, इटारिया, महलगुराड़ा आदि गांव में यह व्यवस्था होगी.
बुरहानपुर (Burhanpur) कलेक्टर (DM) भव्या मित्तल (Bhavya Mittal) कहती हैं- "यह भी बहुत बड़ा नवाचार है. महिलाओं में आत्मविश्वास आएगा. समूह की सदस्यों को रोजगार के नए अवसर दिए. गांव में अब एक समिति या एक समूह एक दुकान कॉन्सेप्ट पर यह व्यवस्था की गई. महिलाएं अब व्यवसाय के साथ वित्तीय प्रबंधन भी सीख रहीं.सभी को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा. इस पूरी प्रक्रिया से महिलाओं में फाइनेंशियल लिट्रेसी बढ़ेगी."
बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ग्रामीण महिला को प्रोत्साहित करते हुए (Ravivar Vichar)