SHG की सपना दीदी ने हक़ीकत में बदला सपना

शुरुआत में मैंने पढाई की.सपना भी देखा कि दूसरी महिलाओं के काम आऊं.पर आर्थिक दिक्कत और चुनौती थी. समूह से जुड़ी और मेरा सपना मैंने खुद हक़ीकत में बदल दिया.कोटा जिले की सपना आज समाज में मिसाल है.

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SHG दीदी सपना ने हक़ीकत

टिफिन विद दीदी में समूह सदस्य से अनुभव सुनते हुए ओम बिरला (Image:Ravivar Vichar)

Rajasthan के Kota जिले के Modak गांव में self help group की सदस्य सपना जैसी 300 से ज्यादा महिलाएं एक साथ शामिल हुईं. Tiffin With Didi थीम पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला खुद इस आयोजन में शामिल हुए.

Products को ब्रांड आप बनाओ मार्केटिंग हम देंगे

Rajasthan के कोटा जिले के मोड़क गांव में टिफिन विद दीदी जैसा अनूठा आयोजन हुआ.Lok Sabha अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा-"मुझे गर्व है कि गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रहीं.  Local For Vocal कंसेप्ट पर अपने तैयार प्रोडक्ट्स को आप  ब्रांड बनाइए.मार्केटिंग का माहौल और ट्रेनिंग हम देंगे."

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समूह सदस्यों को चेक देते ओम बिरला (Image:Ravivar Vichar)        

Rajasthan Ajeevika Mission (RAJEEVIKA) District Project Manager (DPM) Neha Chaturvedi कहती हैं-"कोटा जिले में टिफ़िन विद दीदी जैसे आयोजन का सफल होना बड़ी उपलब्धि है.लगातार महिलाओं का करोबार और कमाई बढ़ रही.इससे आत्मविश्वास बढ़ा.लोकसभा अध्यक्ष की मौजूदगी से महिलाओं का हौसला बढ़ा."      

SHG महिलाओं ने कहा- समूह से जुड़कर मिला Confidence 

"शुरू में पढाई की.काम था नहीं.समूह से जुड़ी.राजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद से IIBF की परीक्षा पास की.आज Bank Correspondence (BC) बन गई. Self Help Group से जुड़ी सदस्यों के बैंक के काम में मदद करती हूं.खाते खुलवाती हूं.अब मेरी कमाई भी अच्छी हो गई." मोड़क स्टेशन की रहने वाली सपना शर्मा ने पूरे आत्मविश्वास से अपनी बात बताई.

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जरूरतमंद महिला की मदद करती निशा बैरागी (Image:Ravivar Vichar)         

Lok Sabha President Om Birla पूरे ध्यान से सपना की बात सुनते रहे.बिरला के सामने मंच पर कई Rjeevika की सदस्यों ने अपने कारोबार और कमाई का अनुभव बताया.

इस आयोजन में फतेहपुर की अनीता ने बताया-"पति का जल्द निधन हो गया. दो बच्चे की सारी जवाबदारी मुझ पर आ गई.SHG से जुड़ी और ज़िंदगी बदल गई.लोन लेकर साड़ी की दुकान खोली.अब हर महीने 12 से 15 हजार रुपए महीने कमा लेती." 
इसी अंदाज़ में खेराबाद की कलावती ने भी साड़ी की दुकान खोलने की कहानी बताई. Cluster Resource Person (CRP) बन कर कायम जिलें में महिलाओं को जागरूक किया और समूह से जोड़ा. 

Sanitary Pad unit से मिला सम्मान 

मोड़क स्टेशन की रहने वाली निशा बैरागी ने बताया-"मेरी ज़िंदगी में आर्थिक परेशानी थी.समूह से जुड़कर PMEGP और दूसरी योजनाओं से लोन सुविधा मिली.हिम्मत कर Sanitary Pad Unit लगाई.महिलाओं को इसके लिए लगातार जागरूक कर रही और इस व्यवसाय से कमाई भी होने लगी.इस सेनेटरी पेड यूनिट ने मुझे सम्मान की ज़िंदगी दी."

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समूह की महिलाओं के साथ आयोजन में ओम बिरला (Image:Ravivar Vichar)

Rajasthan Ajeevika Mission Block Project Manager Khairabad (BPM) Bharat Sharma  कहते हैं-"modak में आयोजित इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया.'Tiffin With Didi' theme पर आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं को नया सीखने को मिला."

कोटा जिला परिषद की CEO Mamta Tiwari भी लगातार समूह की महिलाओं से बात कर कारोबार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही.    

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