यह कहानी एक ऐसी युवती की है जिसकी शादी कम उम्र में हुई. दो साल भी पूरे भी न हुए और तलाक हो गया. केवल 12 वीं पास यह युवती मायके आई और SHG से जुड़कर जीवन ही बदल गया.
जिसे नोट गिनना नहीं आता था वही कर रही सफल बैंकिंग
MP के Jhabua जिले के Rama Block की रहने वाली एक युवती आज मिसाल है. छोटे से गांव धमाई की रहने वाली मोनिका निनामा को ठीक से नोट गिनना भी नहीं आता था. पति और ससुराल की प्रताड़ना के बाद Self Help Group जॉइन किया. आज वही मोनिका जिले Para Block में सफल बैंकिंग का काम कर रही.
झाबुआ के पारा में अपना कियोस्क सेंटर संचालित करती मोनिका (Image:Ravivar Vichar)
मोनिका निनामा बताती है-"साल 2020 में मेरी शादी माता-पिता ने धूमधाम से की.दो साल में ही मैं ससुराल में प्रताड़ना का शिकार हो गई.वापस निराश अपने मायके लौट आई. कुछ रास्ता सूझ नहीं रहा था. मैं Ajeevika Mission के ब्लॉक अधिकारी की मदद से शीतला माता स्वयं सहायता समूह से जुड़ी. समूह में मुझे Cluster Resource Person (CRP) बनाया. मैंने गांव में 30 दूसरे समूह बना कर महिलाओं को SHG से जोड़ा. मिशन ने मेरे काम को देख bank sakhi बना दिया."
तलाक के बाद किया ग्रेज्युएट और बनी kiosk director
Self Help Group में लगातार मेहनत और सफलता के बाद मोनिका आगे बताती है-"शादी के समय मैं सिर्फ 12 वीं पास थी. तलाक के बाद मैंने खुद को सफल करने की ठाना. मैंने B.Sc. किया. फिर D.Ed. किया. बैंक सखी रह कर मेरे काम को देखते हुए kiosk center की अनुमति मिली.अब मैं शान से 15 से 20 हजार रुपए महीने कमा रही. माता-पिता के साथ मदद करती हूं."
कियोस्क सेंटर जहां से बैंकिंग काम करती मोनिका (Image:Ravivar Vichar)
Ajeevika Mission की BM Asha Sharma बताती है-"SHG से जुड़ी मोनिका ने हमारे ब्लॉक में Example Set किया. परेशानियों में स्वयं सहायता समूह की एक्टिविटी पर भरोसा किया. योजनाओं का लाभ उठाया और आत्मनिर्भर बनी. मोनिका ने अपने गांव में 3 हजार से ज्यादा महिलाओं के खाते खुलवाए. हम दूसरे समूह को भी प्रमोट कर रहे."