सिद्धिविनायक समूह से SHG महिलाओं को मिली आर्थिक सिद्धि

सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं साथ मिलकर पौधशाला में फल, सब्जियां, औषधीय पौधे ऊगा रहीं है और इन्हें अलग-अलग संकुलों और बाजारों में जाकर बेच रहीं है.

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हेमा वाजपेयी
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Image Credits : Evidence Consortium On Women's Groups

SHG महिलाएं संभाल रहीं नर्सरी के काम 

महिलाओं की आर्थिक सहायता के लिए स्वयं सहायता समूह (SHG) वरदान के रूप में सामने आए है. ऐसी ही कहानी है सिद्धिविनायक समूह (Siddhivinayak Samuh) की, जहां समूह की महिलाएं नर्सरी (Nursery) यानि कि पौधशाला के काम खुद संभाल रही है. ममता दीदी के नेतृत्व में उज्जैन (Ujjainके मौलाना पंचायत में, सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं साथ मिलकर पौधशाला में फल, सब्जियां, औषधीय पौधे ऊगा रहीं है और इन्हें अलग-अलग संकुलों और बाजारों में जाकर बेचतीं हैं.

इससे उनकी आर्थिक स्थिति में तो बदलाव आए ही है, साथ ही ताजे फल और सब्जियों के सेवन से उनके परिवार के स्वास्थ्य में भी बदलाव आया है.आर्थिक मजबूती, आर्थिक सहायता महिलाओं के जीवन में नए रंग, नई उम्मीदें ले के आती है. महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना, हमारा और समाज का कर्त्तव्य है, जिससे महिलाएं अपने जीवन में और भी उच्चाइयों को छुए और उनके जीवन में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो. 

सिद्धिविनायक समूह ने self help groups के रूप में अद्भुत उदाहरण के रूप में सामने आया है, जहां महिलाएं अपनी शक्ति और क्षमता से स्वयं को सशक्त बनाने में सक्रिय रूप से जुटी हुई है. इस पौधशाला के काम के जरिए वह खुद उगाये हुए फल, सब्जियां और औषधिक पौधों को बेचकर अच्छी कमाई कर रहीं हैं, जो समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनती हैं. 

सिद्धिविनायक समूह के इस प्रयास से स्पष्ट होता है कि, महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह एक वास्तविक समर्थक है, जो उन्हें आर्थिक आज़ादी दिलाता है. Self Help Groups के माध्यम से महिलाएं अपनी  स्किल और कमिटमेंट का प्रदर्शन कर रहीं है और नए-नए व्यवसायों को शुरू कर रहीं है. SHGs से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर, सशक्त और आर्थिक आज़ाद हो रहीं है. 

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