NABARD है स्वयं सहायता समूहों की बैकबोन-अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस को सम्बोधित किया और साथ ही दूध समितियों को माइक्रो एटीएम कार्ड भी वितरित किये.

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हेमा वाजपेयी
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Image Credits: Times Of India

अमित शाह ने मिल्क सोसाइटीज़ को बाटे माइक्रो क्रेडिट ATM

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home Minister and Minister of Cooperation Amit Shah) ने बुधवार को नाबार्ड (NABARD) के 42वें स्थापना दिवस (42nd Foundation Day, NABARD) को सम्बोधित किया और साथ ही दूध समितियों (Milk Societies) को माइक्रो एटीएम कार्ड (Micro ATM Cards) भी वितरित किये. अमित शाह ने बताया कि भारत में करीब 65% ग्रामीण आबादी है, जिनके सशक्तिकरण के लिए नाबार्ड कई कदम उठा रहा है. नाबार्ड हमारे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy), कृषि (Agriculture) और स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) की स्थिति सुधारने के लिए पिछले 4 दशकों से बैकबोन के रूप में काम कर रहा है.

नाबार्ड की मदद से आज स्वयं सहयता समूह (Swayam Sahayata Samuh) के सदस्य, खासकर महिलाएं और लड़कियाँ, आज आत्मनिर्भर, सशक्त और समाज में खुद को स्थापित कर सम्मान के साथ जी रहीं है. शाह ने बताया कि नाबार्ड ने 1 करोड़ स्वयं सहयता समूहों (SHGs) को आर्थिक सहायता दी है, जो विश्व में माइक्रो फाइनेंस (Micro Finance) का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. 

शाह ने बताया कि पिछले 42 वर्षो में नाबार्ड ने रिफाइनेंस (Refinance) और पूंजी निर्माण (Capital Formation) के काम को आगे बढ़ाया. अभी तक नाबार्ड ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) के लिए पूंजी निर्माण में 8 लाख करोड़ रूपए  निवेश किये. इसके अलावा अलग-अलग योजनाओं के तहत नाबार्ड ने ग्रामीण कृषि अर्थवयवस्था (Rural Agriculture Economy) को मजबूती देने के लिए 12 लाख करोड़ रूपए रिफाइनेंस किया. साथ ही ग्रामीण अर्थवयवस्था को सशक्त करने के लिए 20 लाख करोड़ रूपए रिफाइनेंस किया है जिसमे विकास दर 14 प्रतिशत है. 

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह बताते है कि PM योजना के तहत  किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) प्रदान करेगी. उन्होंने बताया कि नाबार्ड के देश भर में 7000 FPOs है जो यह सुनिश्चित करते है की किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य मिले. कोऑपरेटिव डेवलपमेंट फंड (Cooperative Development Fund) को 1992- 93 में में स्थापित किया गया था, जिसकी राशि बढ़कर 10 लाख रूपए से  293 करोड़ रूपए हो गयी है. 

शाह ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (District Cooperative Bank) डेबिट कार्ड (Rupay Debit Card) के साथ रुपे क्रेडिट कार्ड (Rupay Credit Card) की भी सुविधा प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कोऑपरेटिव स्कीम (Cooperative Scheme) के अंतर्गत सभी सहकारी समितियों के बैंक खाते डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (District Cooperative Bank) में ट्रांसफर किये गए और सभी दूध उत्पादक समितियों को "बैंक मित्र" (Bank Mitra) के रूप में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि यदि हम "कोऑपरेशन अमंग कॉपरेटिव्स" (Cooperation among Cooperatives) के साथ आगे बढ़े और यदि PACS से APACS तक का पूरा पैसा इसके भीतर रहता है, तब सहकारी प्रणाली को किसी से भी धन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. नाबार्ड को नोडल एजेंसी बनाकर 63,000 PACS से लेकर नाबार्ड तक, बैंकिंग (Banking), ऑडिटिंग (Auditing) सहित पूरा सिस्टम शामिल है. PACS को प्रणालियों का भी हिस्सा बनाया जायेगा जैसे भण्डारण के कार्य, जन आरोग्य केंद्र (Jan Arogya Centre), खाद की दुकान चलाने में, PDS प्रणाली का हिस्सा बनाने, पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी. 

शाह ने कहा नाबार्ड एक बैंक (Bank) ही नहीं बल्कि एक मिशन है, जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है. नाबार्ड को वित्तीय पैरामीटर (Financial Parameter) के साथ-साथ मानव एवं ग्रामीण विकास (Human and Rural Development) का भी लक्ष्य रखना चाहिए, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियां (Three Multi-State Cooperative Societies) बनायी गयीं है.  

बहु-राज्य सहकारी जैविक सोसाइटी (Multi- State Cooperative Organic Society) का भी गठन किया गया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके वैश्विक बाजार (Global Market) में किसानों को जैविक उत्पाद (Organic Products) के लिए उचित मूल्य मिल रहे है. साथ ही कृषि उत्पादों (Agriculture Products) को विश्व स्तर पर निर्यात करने के लिए बहुराज्य सहकारी निर्यात समिति का भी गठन किया है ताकि हमारे पारम्परिक बीजों का संरक्षण (Protection), संवर्धन (Promotion) और विकास (Development) के लिए बहुराज्यीय सहकारी बीज समिति (Multi-State Cooperative Seed Society) का भी गठन किया गया है जिससे हम अधिक उपज देने वाले बीजों का उत्पादन (Production) और मार्केटिंग (Marketing) बढ़ा सके. 

Multi-State Cooperative Seed Society बहुराज्यीय सहकारी बीज समिति Organic Products वैश्विक बाजार बहु-राज्य सहकारी जैविक सोसाइटी वित्तीय पैरामीटर मानव एवं ग्रामीण विकास जन आरोग्य केंद्र नोडल एजेंसी APACS PACS कोऑपरेटिव स्कीम डेबिट कार्ड District Cooperative Bank ग्रामीण कृषि अर्थवयवस्था नाबार्ड ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूंजी निर्माण Refinance माइक्रो फाइनेंस 42nd Foundation Day Union Home Minister सहकारिता मंत्री अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री ग्रामीण अर्थव्यवस्था