MP के Dhar जिले मलगांव की रहने वाली सुमित्रा पटेल खेती मजदूरी करती. बहुत मुश्किलों से घर चल पाता. आजीविका मिशन के तहत self help group की सदस्य बनी. लगातार मेहनत कर अपना काम बढ़ा लिया.
सफल होकर कई महिलाओं को जोड़ा SHG से
मलगांव की सुमित्रा ने सफल होकर कई दूसरी महिलाओं को भी SHG से जोड़ दिया.मां भगवती स्वयं सहायता समूह की सुमित्रा पटेल बताती है-"समूह से जुड़ने के पहले मेरी कमाई केवल 3 हज़ार रुपए महीने थी.समूह से जुड़ने के बाद मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता से 50 हज़ार का लोन लिया.सिलाई से नै शुरुआत की. फिर गाय और भैंस खरीदी.हम 45 लीटर दूध बेच देते. इसके बाद मैंने CCL से फिर 50 हज़ार रुपए का लोन लिया.इससे कटलरी की दुकान भी खोल ली.मैं अब 18 है हज़ार रुपए कमा लेती हूं."
प्रदेश में किए जा रहे कई जगह जैविक खेती के लिए प्रयोग (Image: Ravivar)
सुमित्रा पटेल पहले Village Organization की अध्यक्ष बनी.इसके बाद शक्ति आजीविका महिला संकुल संगठन CLF की अध्यक्ष बनी.कई गांव की महिलाओं को समूह से जोड़ दिया.
सखियों के सहयोग से महिलाएं हो रही आर्थिक समृद्ध
धार जिले में सैकड़ों समूह के जरिए हज़ारों की संख्या में महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ दिया.ये महिलाएं सभी क्षेत्र में काम कर आत्मनिर्भर हो रहीं.समूह की महिलाएं सखियों के सहयोग से आर्थिक समृद्ध हो रही.Dhar की District Project Manager (DPM) Aprna Pandey बताती हैं-"यहां SHG से जुड़कर महिलाओं को उत्पादन के साथ कृषि सखी,बैंक सखी और पशु सखी बनाने में आजीविका मिशन के माध्यम से सहयोग दे रहे.सुमित्रा पटेल ने भी ग्राम संगठन और संकुल में बड़ी भूमिका निभाई."
सुमित्रा पटेल ने मिसाल कायम की.यहां तक कि अब यह परिवार organic farming भी करने लगा.
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