MP के Mandla जिले के छोटे से गांव छिवला टोला के ललिता भावेदी उनमे से एक है, जिन्होंने SHG से जुड़कर Organic Farming को अपनाया और आर्थिक मजबूती हासिल कर ली.
Organic खेती की पहचान बना रहे मंडला के गांव
मंडला जिले की नई पहचान self help group की महिलाएं बना रहीं. organic farming के लिए Ajeevika Mission के जरिए कई समूह जुड़ रहे. घुघरी ब्लॉक के छिवला टोला गांव की ललिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. ललिता बताती है- "हमारे परिवार के पास बहुत ही कम ज़मीन है. उपज भी ज्यादा नहीं होती थी. मैंने अपने साथियों के साथ श्रीकृष्ण स्वयं सहायता समूह बनाया. Rama organic group बनाया. इसके जरिए हमने खेती शुरू की. जैविक खाद जीवामृत, बीज अमृत, पांच पत्ती काढ़ा, ब्रह्मास्त्र, गोमूत्र सहित कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाए. मैंने खेत में मसूर,मटर लगाई. मुझे समूह से डेढ़ लाख रुपए का लोन मिला."
खेत में जैविक खेती करती ललिता भावेदी (Image: Ravivar Vichar)
Rama Organic Group में शामिल शंकर जी समूह की नार्मदीय भारतीय बताती है- "जैविक से उपज के साथ लागत भी कम हो गई. भाव अच्छे मिलने से आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगी."
गांव में बढ़ रहा जैविक खेती का रकबा
छिवला टोला गांव में 18 सदस्य जैविक समूह से जुड़े. Mandla District Project Manager (DPM) BD Bhasare बताते हैं- "हमारे जिले के घुघरी ब्लॉक में इन 18 किसान परिवारों की 36.91 हेक्टेयर ज़मीन में से 11 हेक्टेयर ज़मीन में जैविक क्षेत्रफल हो चुका है. यह लगातार बढ़ रहा. इस इलाके में सिंचित ज़मीन कम होने से बारिश के पानी पर ही किसान दीदियां निर्भर हैं. जैविक खेती से लागत कम करने की कोशिश की."
National Rural Economic Transformation Project (NRETP) परियोजना इस जिले में लागू की जा रही. State Rural Livelihoods के SPM, Bhopal (Agriculture) Manish Panwar कहते हैं- "मंडला जिले के विकासखंड घुघरी के अंतर्गत 47 ग्राम पंचायतें और 96 गांव शामिल हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (NRETP) में कृषि से जुड़े स्थानीय समूह का कार्य 39 गांव में हो रहा है. कोशिश है कि जिले की किसान दीदियां अपने गांव और इलाके को जहर मुक्त खेती के लिए प्रेरित करें."