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UP में भी यह Namo Drone Didi training के बाद काम में जुट गईं. ये दीदियां किसानों की मांग पर उनके खेतों में खाद छिड़काव कर रहीं हैं. किसान दीदी के बाद अब ये अपनी नई पहचान Drone Didi के रूप में बना चुकीं हैं.साथ ही ये सदस्य self help group की दूसरी सदस्यों के साथ दूसरे रोजगार भी कर रहीं.
UP में इस समय 114 किसान दीदियों के हाथ में ड्रोन हैं.ये प्रदेश के अलग-अलग जिले में काम कर रहीं.Namo Drone Yojana के तहत हैदराबाद में ट्रेनिंग लेकर आईं बाराबंकी जिले के मोतीलालपूर्वा की Upasna Verma ने बताया-"मैंने हैदराबाद ट्रेनिंग के बाद अपने गांव और फतेहपुर ब्लॉक में ड्रोन से खाद-दवाई छिड़काव किया.हमारी कमाई भी धीरे धीरे शुरू हो रही.हमारी खुद के खेत में भी हमने ड्रोन पद्धति का उपयोग किया.मुझे ख़ुशी है कि समूह की अध्यक्ष होने के साथ मैंने 300 महिलाओं को भी समूह से जोड़ा,जो रोजगार करने लगीं."
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अधिकृत प्रमाण पत्र लेती हुईं उपासना (Image: Ravivar Ravivar )
उपासना अपने गांव में श्रीराम जानकी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष हैं.उपासना इसके अलावा बिहार भी ट्रेनिंग देने जा चुकीं हैं.
बाराबंकी जिले में मिथाइल पिपरमेंट की अधिक खेतीं होती.इसमें ड्रोन का उपयोग किया जा रहा.
इस ट्रेनिंग में ही लखीमपुर जिले के मितौली ब्लॉक की आलपुर की रहने वाली गंगा प्रेरणा SHG की Pooja Devi ने बताया -"वह ड्रोन ट्रेनिंग के लिए प्रयागराज गई थी.हमने अपने गांव में Drone से काम शुरू किया.कुछ किसानों ने इस पद्धति का इस्तेमाल किया.हम लगातार किसानों को इस ड्रोन से दवाई और खाद छिड़काव के फायदे बता रहे."
ट्रेनिंग के बाद उपासना वर्मा और अन्य ड्रोन दीदी (Image: Ravivar Ravivar )
Ajeevika Mission के Lucknow State Project Manager (SPM) Ajay Pratap Singh ने बताया-"Namo Drone Yojana के तहत प्रदेश में 114 ड्रोन दीदियां अब तक ट्रेनिंग ले चुकीं हैं.fertilaizer company इन kisan didi को ट्रेनिंग दे रहे. जो समूह की सदस्य ट्रेनिंग ले चुकीं उनको काम मिला रहा.खेतों में किसानों के लिए नया अनुभव होने के कारण काउंसलिंग भी की जा रही.इस पद्धति से किसानों को फसल की लगत काम और मुनाफा अधिक होगा."
प्रदेश में कई drone didi 4 से 5 हज़ार रुपए महीना तक अलग से कमा ने लगीं.