बस्तर में अब दिख रहा काजू का करिश्मा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में Cashew Nut का करिश्मा दिखने लगा. Tribal  किसानों ने काजू के पेड़ों को इतना संवारा कि देश-विदेश में पहचान बना गई. इस Product  ने  SHG की महिलाओं को शारीरिक और आर्थिक मजबूत कर दिया. फारेस्ट विभाग ने काजू यूनिट को लगाया.

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CM BAGHEL IN BASTAR

काजू यूनिट से जुड़ी SHG महिलाओं से मिलते CM भूपेश बघेल (Image Credits: Ravivar Vichar)

बस्तर (Bastar) जिले के बकावंड ब्लॉक (Bakavand Block) में forest विभाग द्वारा लगाई  काजू प्रोसेसिंग यूनिट (Cashew Processing Unit)  से किसानों सहित Self Help group  की महिलाओं को बड़े लेवल पर पहचान और रोजगार मिल गया. इस यूनिट में 300  महिलाओं को सीधे रोजगार मिला. जो अलग-अलग काम में जुटीं हुई हैं. मोटे अनाज कोदो-कुटकी के बाद अब यहां के काजू की धूम है.   

50 हजार क्विंटल हर साल काजू का कारोबार 

इस Unit में सालाना लगभग 50 हजार क्विंटल Cashew Nut  तैयार हो जाता है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की केवल एक ही इस सरकारी इस यूनिट में काम कर रही मां धारणी करीन की अध्यक्ष गुनमनी बताती है- "दस साल पहले छोटी शुरुआत की. आज हमें पहचान मिली. पैसा और परिवार की स्थिति में बहुत बदलाव आ गया. हमारे साथ कम से कम 150 महिलाएं इस यूनिट में रोज़ काम करती हैं." इस समूह में सचिव पार्वती बाई, बेलाबाली और धनमति  कहती हैं- अब हमें काम के लिए भटकना नहीं पड़ता. समूह की स्थिति सुधर गई. महिलाओं को रोजगार मिल गया." 

BASTAR KAJU PIC NEWS

काजू प्रोसेसिंग में रॉ मटेरियल को अलग करती महिलाएं (Image Credits: Ravivar Vichar)

यूनिट और समूह को इंटरनेशनल अवार्ड 

स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की सदस्यों की मेहनत को देखते हुए राज्य के साथ इंटरनेशनल अवार्ड भी मिले. काजू प्रोसेसिंग यूनिट (Cashew Processing Unit)  के सीनियर एक्सिक्यूटिव मार्केटिंग प्रवीण कुमार बताते हैं- "शुरुआत लगभग दस साल पहले की. 2019  से इस यूनिट में संसाधन बढ़े और रफ़्तार पकड़ ली. इस यूनिट और SHG के बेस्ट परफॉर्मेंस के कारण सिंगापुर में आयोजित 'Greed Award' से नवाज़ा गया. इस अवार्ड को लेने समूह की बेलाबाली और पार्वती पहुंची. यहां रोज़ 10 क्विंटल रॉ मटेरियल आता है. जिससे प्रोसेस कर काजू की पैकेजिंग की जाती है." 

BASTAR KAJU PIC

काजू की क्वालिटी ग्रेडेशन करती महिलाएं  (Image Credits: Ravivar Vichar)

यह यूनिट Forest विभाग के वन-धन योजना के तहत लगाई गई. डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर उत्तम कुमार गुप्ता कहते हैं - "यह राज्य की ख़ास पहचान है. इस यूनिट से जुड़े लगभग दस हजार लोगों को काम मिल रहा.Unit में प्रदेश के ही कांकेर, रायगढ़ और भानुप्रतापुर के जंगलों से भी काजू तैयार होने आता है."
बस्तर जिले के आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) राजकुमार देवांगन कहते हैं- "यह जिले की बड़ी उपलब्धि है. वन विभाग की इस यूनिट में कई समूह (SHG)की महिलाओं को काम मिला. इन महिलाओं  को लगातार प्रशासन प्रोत्साहित कर रहा है." यह प्रोडक्शन लोकल मार्केट,C Mart के साथ कई एजेंसी को दिया जाता है.

BASTAR KAJU AWARD

                                                                    सिंगापुर में ग्रीड अवार्ड में शामिल समूह की महिला सदस्य  (Image Credits: Ravivar Vichar)                                        
       

बस्तर (Bastar) जिले का बकावंड ब्लॉक (Bakavand Block) काजू के प्लांटेशन क्षेत्र के लिए ही जाना जाता है. बस्तर (Bastar) के वन संपदा में काजू सबसे महत्वपूर्ण फलदार वृक्षों में से एक है. खास बात यह है कि बस्तर का काजू ठोस और ज्यादा स्वादिष्ट होने की वजह से इसकी डिमांड पूरे देश विदेश में है.

SHG self help group Chhattisgarh Bastar Bakavand Cashew Processing Unit Greed Award