स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) से आज देश में करोड़ों महिलाएं जुड़ रहीं हैं. Metro cities से लेकर गांव तक आज महिलाओं ने कमाई के ज़रिए ढूंढ लिए है. ये महिलाएं ना सिर्फ कमा रहीं बल्कि घर भी चला रहीं है. इनमें से कई महिलाएं तो ऐसी है जो आज अपने घर की decision-makers बन चुकी हैं. सिर्फ घर ही क्यों, यह महिलाएं तो आज अपनी क्षमताओं के साथ देश की decision maker के रूप में भी उभर रहीं हैं. इसी का एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं Andhra Pradesh.
Andhra Pradesh में 50% से ज़्यादा है महिला voters
Election Commission के latest data के अनुसार Andhra Pradesh में कुल voters की संख्या करीब 4.07 करोड़ हैं. इसमें से 2.07 करोड़ से ज़्यादा voters महिलाएं हैं. यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि female voters की संख्या कुल voters के 50% से भी ज़्यादा है. इनमें से करीब 60% महिलाएं SHGs के साथ जुड़कर काम कर रहीं हैं. यह संख्या 1.25 करोड़ के लगभग है जो किसी भी election के results को निश्चित करने के लिए बहुत शक्तिशाली संख्या है (SHG role in elections).
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Financial Metrics में Andhra Pradesh No.1
Andhra Pradesh करीब 11 लाख SHGs का घर है जिनमें यह महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं. इतनी ज़्यादा सदस्यता और पहुंच के साथ, ये समूह सशक्त होने के साथ ही Andhra Pradesh में किसी भी चुनाव के परिणाम को निर्धारित करने में important role निभा सकते हैं.
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 83% से अधिक Self Help Groups को 5 लाख रुपये से ज़्यादा का loan प्राप्त हुआ है. SHG Loans का recovery rate भी 99.7% पर है जो बहुत ही अच्छा संकेत है.
SHG की संख्या के मामले में Andhra Pradesh देश में चौथे स्थान पर है, जिसमें महाराष्ट्र 15.15 लाख SHGs के साथ सबसे आगे है. हालाँकि, जब SHG से संबंधित विभिन्न financial metrics की बात आती है तो Andhra Pradesh पहले स्थान पर है (Andhra Pradesh SHGs). NABARD की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह राज्य प्रति SHG ₹1,72,124 के Average Saving Amount का दावा करता है, जो सभी राज्यों में सबसे ज़्यादा हैं. इसी के साथ, Andhra Pradesh में प्रति SHG ₹7.64 लाख का Average Loan Disbursement भी सबसे अधिक है.