मप्र निर्वाचन आयोग (MP Elaction Commission) की मतदान जागरूकता की पहल रंग ला सकती है. निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Elaction Commissioner) अनुपम राजन (Anupam Rajan) ने स्वयं सहायता समूह (Self Help Group),आजीविका मिशन (Ajeevika Mission), मध्याह्न भोजन (Mid Day Meal)के तहत काम करने वाली महिलाओं पर भरोसा जताया. आयोग का मानना है इसका सकारत्मक प्रभाव पड़ेगा.
मतदान जागरूकता की 'मास्टर की SHG'
मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव (Assembaly) 2023 के लिए मतदाओं में मतदान जागरूकता के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं मास्टर की जा रहा. आयोग के चीफ इलेक्शन ऑफिसर (Chief Elaction Commissioner) अनुपम राजन (Anupam Rajan) ने कहा- "पूरे प्रदेश में 'हस्तक्षेप' आयोजन किए जाएंगे. इसमें आजीविका मिशन, SHG और मध्यान्ह भोजन (MDM)बनाने वाली महिलाओं को शामिल किया. यह अपने-अपने इलाकों में मतदाओं खासकर महिला मतदाता को वोटिंग के लिए प्रेरित करेगी. स्कूल्स- कॉलेज में भी साक्षरता क्लबों की भी मदद ली जाएगी."
झाबुआ में मतदान जागरूकता के लिए रैली निकाली गई (Images: Ravivar Vichar)
इस मतदान प्रतिशत (Voting Percent) को लेकर पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत कहते हैं- "ग्रामीण इलाकों में मतदान को लेकर महिलाओं की परेशानियां सामने आती हैं. जो कसर एक जैसी होती हैं. गांव में पुरुष अक्सर वोट डालने के दौरान महिलाओं को नहीं ले जाते. कई बार यदि घर में जेंट्स न हो तो युवतियां वोट डालने नहीं जाती. यह मानसिकता बदलनी होगी."
महिलाओं में वोटिंग के लिए बढ़ी जागरूकता
साल 2018 में विधान सभा चुनाव में वोटिंग पर्सेंटेज जेंट्स और लेडीज़ वोटर्स में ज्यादा नहीं था. महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 74.03 और पुरुषों का 75.98 फीसदी था. यह केवल 3 % का गेप रहा. जबकि 2003 में महिला मतदान प्रतिशत 62.14 और पुरुष मतदान प्रतिशत 71.94 रहा था. 2008 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 65.91 और पुरुष मतदान प्रतिशत 72.30 रहा.
यह बढ़कर अब पुरुषों के मतदान के करीब पहुंचा है. इससे निर्वाचन से जुड़े अधिकारीयों का मानना है कि महिलाओं में मतदान के लिए उत्साह बनने लगा है.