भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) में महिलाओं की भागीदारी ने ना केवल देश की सुरक्षा में उनकी उपस्थिति को मजबूत किया है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता के प्रति एक नई सोच को भी प्रेरित किया है. चाहे वह वायुसेना (Indian Air Force) की उड़ान भरती महिला पायलट हों, या नौसेना (Indian Navy) की जहाजों पर तैनात महिला अधिकारी, या थल सेना (Indian Army) में साहसिक कार्य करती महिला सैनिक, इन सभी ने समान जिम्मेदारियों के साथ अपने कार्यों को बखूबी निभाया है.
इन महिला सैनिकों की दृढ़ता और समर्पण ने ना सिर्फ उन्हें आगे बढ़ने में मदद की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सशक्तिकरण और प्रेरणा किसी भी क्षेत्र में महिलाओं को सफलता की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती हैं. आज इन्हीं महिलाओं ने मिलकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. लगभग चार सप्ताह के कठिन नौकायन अभियान (Sailing Expedition) को पूरा करते हुए, तीनों सेवाओं की महिला दल ने अरब सागर (The Arabian Sea) में कठिन परिस्थितियों का सामना किया, जो कि सितंबर में होने वाली वैश्विक जलयात्रा प्रतियोगिता की तैयारी का एक हिस्सा था.
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मुंबई से लक्षद्वीप का सफर तय कर अपने कौशल का किया प्रदर्शन
भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) की 12 महिला अधिकारियों ने हाल ही में एक ऐतिहासिक नौकायन अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसे 'त्रि-सेवा सर्व-महिला विश्वव्यापी नौकायन अभियान 2024' का नाम दिया गया है. यह अभियान मुंबई (Mumbai) से लक्षद्वीप (Lakshadweep) तक और वापसी की यात्रा थी, जिसमें महिलाओं ने सागर की विशालता को जीतते हुए अपनी दृढ़ता और सहयोग की भावना का परिचय दिया.
दल ने आर्मी एडवेंचर विंग (Army Adventure Wing) और कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के आर्मी एक्वा नोडल सेंटर (Army Aqua Nodal Centre of the College of Military Engineering) के बैनर तले यह यात्रा शुरू की. इस अभियान की शुरुआत 23 मार्च 2024 को मुंबई के मार्वे से हुई और 17 अप्रैल 2024 को समाप्त हुई, जिस दौरान ये महिला अधिकारी चार चरणों में सागर की चुनौतियों का सामना करती गईं. इनमें से हर एक ने अपनी नौकायन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अनेक प्रशिक्षण यात्राओं में भाग लिया था.
महिलाओं के साहस को मिली एक नई पहचान
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ना केवल समुद्री यात्रा के कौशल को परखना था, बल्कि यह भी दिखाना था कि महिलाएं किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं. उनकी यात्रा ने भौतिक और मानसिक दृढ़ता का परिचय तो दिया ही, साथ ही यह भी दिखाया कि कैसे सामूहिक प्रयास और टीमवर्क से बड़ी सफलताएं हासिल की जा सकती हैं.
इस अभियान की सफलता ने ना सिर्फ इन महिला अधिकारियों के लिए नए द्वार खोले हैं, बल्कि यह भारतीय समुद्री विरासत में एक अहम मील का पत्थर भी साबित हुई है. इसने महिलाओं की साहसिकता और उनके योगदान को एक नई पहचान दी है, साथ ही समाज में लैंगिक समानता और विविधता को बढ़ावा दिया है. यह अभियान सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि एक उदाहरण भी है कि कैसे महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त कर सकती हैं.
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