बेगूसराय (Begusarai) में गांव की SHG महिलाओं के सपनों को पूरा करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए जीविका योजना (Jeevika Yojana) की शुरुआत की गई. इस पहल से खेती के क्षेत्र में आगे बढ़कर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त (women economic empowerment) हो रहीं है.
खेती को मोडर्नाइज़ करने से बढ़ रहा उत्पादन
जीविका द्वारा कृषि यांत्रिकीकरण के लिए किया गया यह प्रयास खेती को नई दिशा में बदलने के साथ जीविका दीदियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बना रहा है. इस योजना के ज़रिये, खेती को मोडर्नाइज़ करने (Modernization of Farming) से और ज़्यादा उत्पादन हो रहा है.
बैंक की मदद से Agricultural Machinery तक पहुंच हुई आसान
कृषि यंत्र बैंक (Agricultural Machinery Bank) के ज़रिये, जीविका दीदियों को कृषि कार्यों के लिए ज़रूरी उपकरण दिए जा रहे हैं, जो उन्हें आर्थिक स्वावलंबन दिलाने में मदद कर रहा है. साथ ही SHG महिलाओं की छुपी हुई प्रतिभा भी उभर कर आ रही है. बैंक की मदद से उनकी खेती के उपकरण (Banking Services for Agricultural Machinery) तक पहुंच आसान हो गई है. फसलों का उत्पादन भी बढ़ रहा है.
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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पहले आर्थिक समस्या और उपकरणों का ज्यादा मूल्य होने के चलते इन्हें खरीद नहीं पाती थी और खेती संबंधी समस्याएं भी बनी रहती थी.
बैंक की मदद से इस समस्या का हल हो चुका है. वर्तमान में बेगूसराय के 13 प्रखंडों में 25 कृषि यंत्र बैंकों का संचालन किया जा रहा. बैंक में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्राम संगठन के ज़रिये आवेदन कर (Agricultural Equipment Loan) आसानी से उपकरण प्राप्त करती हैं.
कृषि उपकरणों के लिए आवेदन की प्रक्रिया
आवेदन ग्राम संसाधन सेवी द्वारा CHC app पर किया जाता है. किसानों से ज़्यादा महिला SHGs को प्राथमिकता दी जाती है. किसानों के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर सुविधा (Agricultural Machinery Loan Scheme for Farmers) दी जाती है.
केन्द्रों में ट्रैक्टर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, रोटावेटर, जीरो टिलेज जैसे कृषि कार्य से जुड़े उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं. केंद्र में कुल 85 Self Help Group महिलाएं इसका लाभ उठा रहीं (Benefits of Agricultural Machinery Banks) हैं.
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CLF लोन (Agricultural Machinery Loan Program) की मदद से SHG महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रहीं हैं. जीविका योजना महत्वपूर्ण कदम है जो गांव की सामाजिक और आर्थिक सुधार की दिशा में बदलाव लाने में मदद कर रहा है. महिलाएं भी आर्थिक सशक्तिकरण की तरफ अग्रसर होकर आगे बढ़ रहीं हैं. कृषि यंत्र बैंक की मदद से अब तक SHG महिलाओं को 50 हजार से ज़्यादा का लाभ मिला है.