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Image Credits : Wikipedia
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हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में कृषि और पशु पालन को बहुत महत्व दिया जाता है. कृषि और पशु पालन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं की आजीविका का भी जरिया है. कृषि में महिलाओं को मौसमी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिससे कई बार उनकी खेती में नुक्सान हो जाता हैं. कई बार आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से महिलाएं अपने व्यवसाय शुरू नहीं कर पाती. SHG महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना 2023 (Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत की गई, .
इस योजना के जरिये पशुपालक किसानों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधार आ रहा है. यह योजना Self Help Groups महिलाओं के लिए आय कमाने का जरिया बनी है. दुर्गूकोंदल विकासखंड में लोहत्तर गोठान पशुपालन कर आजीविका कमा रहे है. गोठान में तीन समूह काम कर रहे हैं. SHG से जुड़ी रंभा ठाकुर बताती है कि वह गोबर बिक्री कर अपनी आजीविका चला रही है और इससे मिली आय से उन्होंने किराने की दुकान शुरू की, जिससे उनकी आय में और बढ़ोतरी हुई है.
गोधन न्याय योजना APP (Godhan Nyay Yojana APP) के साथ गोधन न्याय योजना पोर्टल (Godhan Nyay Yojana Portal) भी बनाया गया है. छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना में लॉगिन (Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana Login) कर SHG महिलाएं इस योजना से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन ही आसानी से ले पाएंगी.
स्वयं सहायता समूह बकरी पालन, मसाला उत्पादन, सब्जी उत्पादन, केचुआ पालन और वर्मीं कम्पोस्ट (Vermi Compost) उत्पादन जैसे कार्य कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं. इससे उनकी आय में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. सरकार द्वारा शुरू की गई योजना SHGs के जीवन में उत्साह और उमंग की बहार लेकर आई है. समूह की महिलाएं इस योजना से जुड़कर समृद्धि और सशक्तिकरण के रास्ते पर अग्रसर हैं.