ये महिलाएं गांवों से आती हैं, इनमें ज़्यादातर कभी कॉलेज नहीं गई. लेकिन, आर्थिक आज़ादी (Financial Freedom) हासिल करने का सपना इन्होंने देखा और पूरा भी किया. ये आत्मविश्वास से भरी महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जिला-स्तरीय संघ, ओरुगल्लू महिला समाख्या (Orugallu Mahila Sangha-OMS) की सदस्य हैं. ये महिलाएं अब देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हजारों महिलाओं को प्रशिक्षण (SHG women trainers) दे रही हैं.
ट्रेनर बन हासिल की आर्थिक आज़ादी
हर प्रशिक्षक के लिए उन्हें 2 हज़ार रुपये का दैनिक भुगतान किया गया. हाल ही में, OMS के 50 वरिष्ठ कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन्स (community resource person- CRP) की एक टीम, जिसमें 40 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल थे, ने स्थानीय महिलाओं को SHG बनाने और प्रबंधित करने में प्रशिक्षित (training) करने के लिए लद्दाख की यात्रा की.
ट्रेनिंग देकर सामूहिक रूप से कमाए 23.92 करोड़ रुपये
मनचेरेल की पोन्नावेनी राजिथा ने 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा किया है और एक ट्रेनर के रूप में 40 लाख रुपये की कमाई की है. वेलेयर मंडल के एराबेली गांव की एमडी जमीला ने एक स्थानीय SHG में एक बुक कीपर के रूप में अपना करियर शुरू किया और अब उन्हें पूरे उत्तर भारत में मान्यता प्राप्त है. गीसुगोंडा गांव की उप्पुनुथला शोभारानी ने चेन्नई में G-20 सम्मेलन में भाग लिया और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत से उपहार मिला. लिंगाला घनपुर मंडल की गुज्जुरी रेणुका 15 राज्यों में ट्रेनिंग दे चुकी है. बैठक के दौरान उनकी स्पीच ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh Minister of Rural Development and Panchayati Raj) को प्रभावित कर दिया.
ओएमएस के प्रयासों और मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (Chief Minister K. Chandrasekhar Rao) के नेतृत्व ने तेलंगाना को भारत में महिला सशक्तिकरण (women empowerment) के लिए एक रोल मॉडल बना दिया है. पिछले कुछ सालों में, ओएमएस के CRP ने अपने कौशल और मेहनत से कई राज्यों में अपनी प्रशिक्षण गतिविधियों के ज़रिये सामूहिक रूप से 23.92 करोड़ रुपये कमाए (Earning 23.92 Crore Rupees Collectively through Training). ओएमएस के कार्यबल में 186 CRP, 112 वरिष्ठ CRP, 30 राज्य स्तरीय सामुदायिक प्रशिक्षक, 27 पेशेवर रिसोर्स पर्सन और 105 इलेक्ट्रॉनिक मास्टर ट्रेनर्स शामिल हैं.
ओएमएस सीआरपी महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता (entrepreneurship in rural areas) को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनके प्रयासों से देश भर के महिला संगठनों (women's organizations) को प्रेरणा मिली है.