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Image Credits: Iwwage (Image for Representation Purpose Only)
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भारत देश में महिलाओं और लड़कियों को देवी का दर्जा दिया जाता है. उन्हें पूजा जाता है, और त्योहारों पर कितनी रस्मों का हिस्सा भी माना जाता है. लेकिन जो स्तिथि महिलाओं की हमारे देश में इस समय है, वह देखकर यह कहना मुश्किल है कि महिला सशक्त है. भले ही उनको पूजा जा रहा हो, लेकिन असल में जिस मानसिकता की जरूरत लोगों को है वह दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती.
देश में महिलाओं के हालात सुधारने के लिए सरकार की नई परियोजनाएं और प्लांस सामने आते रहते है. सरकार ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ाने के पीछे भी बहुत तेज़ी से काम कर रही है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति, देश आर्थिक स्थिति को सुधारने में बहुत बड़ा रोल निभाएगी.
स्वयं सहायता समूहों (SHG) से इन महिलाओं को जोड़ना भी इसी दिशा में आगे बढ़ने का एक ठोस कदम साबित हो रहा है. देश की ग्रामीण महिलाओं को Self Help Group से जोड़कर भारत सरकार, देश की आर्थिक मज़बूती को सुनिश्चित करना चाहती है. इसीलिए इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कर्नाटक हुबली में श्री क्षेत्र धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी वीरेंद्र हेगड़े ने महिलाओं को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण से प्रगति बधु SHG का उद्घाटन किया. श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीणभिवृद्धि योजना बीसी ट्रस्ट ने एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें हेगड़े ने इस SHG का उद्घाटन किया. यह SHG 17,501वीं जिला-स्तरीय यूनिट है जो महिलाओं के लिए बहुत सी सुविधाएं निश्चित कर रही है.
उन्होंने सभा से बात करते वक्त यह भी कहा कि- "भले ही भारतीय संस्कृति में महिलाओं की पूजा की जाती है, लेकिन विभिन्न कारणों से उन्हें दबाया भी जाता है. श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना (SKDRDP) राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाने में लगी हुई है." कर्नाटक में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें स्वयं सहायता समूह से जोड़ने पर बहुत जोर दिया जा रहा है. देश की तरक्की महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर ही निश्चित की जा सकती है.