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Image Credits: Azadi ka Amrit Mahotsav
लम्बानी आर्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड
'लम्बानी आर्ट', कर्नाटक का ट्रैस्डिक्शनल आर्ट जो हर स्टीच के साथ जो कुछ कहानी बुनता है. भारत के कल्चरल हेरिटेज की एक कड़ी है यह कला. हाल ही में लम्बानी कम्युनिटी के कलाकारों ने पूरी दुनिया में नाम रोशन कर दिया है. कर्नाटक में हम्पी के खानाबदोश लम्बानी समुदाय की महिलाओं ने सबसे ज़्यादा संख्या में कढ़ाई पैच बनाने का नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. यहां आयोजित जी20 कल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में, लगभग 450 लम्बानी महिला कारीगरों ने 1,755 से ज़्यादा पैच का एक कलेक्शन बनाकर अपने असाधारण कौशल और शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया.
क्या है लम्बानी आर्ट?
लंबानी कढ़ाई कपड़ा बड़े ही मुश्किल पर बेहद सुंदर आर्ट फॉर्म को दर्शाता है जो रंगीन धागों, छोटे शीशों के काम और सिलाई पैटर्न का एक परफेक्ट कॉम्बिनेशन है. यह कर्नाटक के कई गांवों जैसे संदुर, केरी टांडा, मरियम्मनहल्ली, कादिरामपुर, सीताराम टांडा, बीजापुर और कमलापुर में फेमस है.
एक महिला कारीगर, शांता बाई, जो इस गिनीज़ रिकॉर्ड में शामिल है, उन्होंने खुश होते हुए कहा- "हम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर बहुत खुश और सम्मानित महसूस कर रहे हैं. यह उपलब्धि हमारे लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि यह वैश्विक समुदाय के सामने हमारी प्रतिभा और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती है. हमें उम्मीद है कि यह मान्यता हमारे समुदाय के लिए अधिक अवसर लाएगी और हमारे जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेगी.''
लम्बानी आर्ट की महिलाएं SHG बनाकर हो रहीं सशक्त
यह आर्ट फॉर्म भारत में वल्नरबेल हालत में पहुंच चुकी है, क्योंकि लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता धीरे धीरे खत्म होती जा रहीं है. लेकिन G20 में इस समुदाय के रिकॉर्ड से हालात बदलने की उम्मीद है. लम्बानी आर्ट की महिलाओं स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाकर खुद को और अपनी कला को बचाए रखने के लिए बहुत मेहनत कर रहीं है. Self Help Group को सरकार देश में आगे बढ़ाने के लिए काफी परियोजनाएं तैयार करती रहती है. कर्नाटक की इस कम्युनिटी का SHG के साथ जुड़ना उनके लिए एक बड़ी पहल मानी जा रहीं है. बदलाव जल्दी होगा और लम्बानी कम्युनिटी के साथ महिलाएं तेजी से आगे बढ़ेंगी.