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ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशन (DroneAcharya aerial innovations) और ITC ने मिलकर महिलाओं के Namo Drone Didi (All Women’s Namo Drone Didi) की पहली बैच को ड्रोन उड़ाना सिखाया और साथ ही कानूनी लाइसेंस भी दिलाया. यह कार्यक्रम भारतीय ड्रोन उद्योग में महिला प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
यह पहल आईटीसी की Corporate Social Responsibility (CSR) यानि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की प्रतिबद्धता को दिखता है. ITC ने पूरे महाराष्ट्र में self help groups की महिलाओं के लिए ड्रोन पायलट प्रशिक्षण को प्रायोजित करके इसका प्रमाण दिया है. ITC ने अपनी अलग अलग शाखाएं जैसे DSC, BAIF अमरावती, BAIF पारनेर और AFARM के सहयोग से महिलाओं को पहल के ज़रिए व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए जरूरी कौशल और अवसर प्रदान करवाए.
5 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद इन महिलाओं को भारत में कानूनी रूप से ड्रोन संचालित करने के लिए 10 साल के लाइसेंस भी दिए गए. इस ट्रेनिंग में ड्रोन के बुनियादी सिद्धांतों के साथ डीजीसीए नियमों (DGCA रेगुलेशंस), फेलसेफ तंत्र (failsafe mechanism) और आपातकालीन प्रोटोकॉल (emergency protocols) जैसी ज़रूरी विषयों को भी शामिल किया गया. सिम्युलेटर प्रशिक्षण (simulator training) और ऑन-ग्राउंड ड्रोन उड़ान (on-ground drone flying) की प्रेक्टिकल ट्रेनिंग ने महिलाओं को सुरक्षित और कुशल ड्रोन ऑपरेटर्स बनने में मदद की.
ऑल वुमेन नमो ड्रोन दीदी बैच (All Women’s Namo Drone Didi Batch) को महिलाओं द्वारा और महिलाओं के लिए डिज़ाइन किया गया जिसका नेतृत्व डीजीसीए (DGCA) प्रमाणित ड्रोन प्रशिक्षक ने किया. DroneAcharya और ITC द्वारा किये गए महिला कौशल विकास (Skill Development) से न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि व्यापक सामाजिक उत्थान भी होगा. इस तरह का सहयोग एक उदाहरण है कि कैसे साझेदारी सार्थक प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकती है और एक उज्जवल भविष्य के लिए अवसर पैदा कर सकती है.