G20 की प्रेसिडेंसी मिलने के साथ ही भारत कई विषयों और विज़न के साथ अपने आप को विश्वपटल पर लाया है. महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) उनमें प्रमुख मुद्दा रहा है. इसी को लेकर गुजरात (Gujrat) में हुई G20 Empower समिट में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) शामिल हुई और वहां भारत और विश्व की महिलाओं के लिए गाइडिंग लाइट की तरह सामने आयी. वहां उन्होंने कहा - " भारत की G20 प्रेसिडेंसी (G20 Presidency) में महिलाओं के बढ़ते योगदान से नई उम्मीद जगी है. आज महिलाएं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और समाजिक संरचना में पुरुषों के बराबर योगदान देने में सक्षम हो रही है."
महिलाओं में आ रहा टेकटोनिक शिफ्ट
साल 2023 में G20 EMPOWER की थीम रही ' महिला सशक्तिकरण : समानता और अर्थव्यवस्था के लिए एक जीत.' स्मृति ईरानी ने यहां पर आगे कहा - " महिलाओं में टेकटोनिक शिफ्ट आया है. जहां पहले वह दया के सहारे रहती थीं, आज वही पुरुषों के साथ मिलकर देश और समाज के लिए बढ़ चढ़कर योगदान दे रहीं है. " महिला बाल विकास और माइनॉरिटी अफेयर्स मंत्री (Minister Of Women And Child Development And Minority Affairs) स्मृति ईरानी ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भारत में G20 प्रेसिडेंसी के साथ महिलाओं के नेतृत्व एजेंडा को प्रमुख मंच पर लाये है.
महिलाओं को ग्रासरुट लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग पार्ट के अर्थव्यवस्था में शामिल करने के लिए इंडस्ट्री और स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups, SHGs) साथ मिलकर काम करेंगे. इससे महिलाओं को मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री (Manufacturing Industry) में रोजगार मिलेगा. इस तरह की पहल को मौका मिला गुजरात में हो रही G20 EMPOWER समिट में . इन प्रयासों से महिला उद्यमियों में फाइनेंसियल रेवोल्यूशन (Financial Revolution) भी देखने को मिल रहा है, अगर हम लोन की बात करें तो 320 मिलियन लोन (Loan) के लाभार्थियों में से 70% महिलाएं है. केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा शुरू की गई योजना ' स्टैंड अप इंडिया ' (Stand Up India) में मीडियम SME (Medium SME) में 80% लाभार्थी महिलाएं है.
EMPOWER टीम के जरिए अनजानी महिलाओं की अनकहीं कहानियां आज भारत सरकार के नेतृत्व में एक नई दिशा और दशा की और बढ़ रही है. यह इस बात से साबित होता है की यदि श्रम सेक्टर में महिलाओं को पुरुषों के सामान जगह मिलती है, तो उनका GDP में योगदान का आंकड़ा लगभग 20 ट्रिलियन डॉलर के आस पास होगा. एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकतम आय के साथ वृद्धि करने वाली महिलाएं, परिवार और स्थानीय समुदाय में पुरुषों की मुकाबले दोगुना ख़र्च करतीं है. इस तरह इकोनॉमिक रोटेशन के लिए महिलाओं की आवश्यकता को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
महिला एम्पॉवरमेंट एजेंडा सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार और समाज को भी सशक्तिकरण देता है. इसलिए समता, समानता और सशक्त भविष्य की ओर बढ़ने के लिए महिलाओं को प्राथमिकता देनी होगी.