वो कहावत तो सबने सुनी ही होगी की "हर सफल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है" लेकिन कभी सोचा कि ऐसा क्यों बोला जाता है? कारण है महिलाओं का भावनात्मक और व्यावहारिक रूप से सोचकर फैसले लेना और यही कारण है कि वे किसी भी काम के विश्लेषण को अच्छी तरह से कर पाती है. और उन महिलाओं कि सफलता तो हम शहरी क्षेत्रों मे देख ही रहे है पर अब, ग्रामीण क्षेत्रों में भी women entrepreneurship development कोई दूर का सपना नहीं बल्कि उभरती हुई सच्चाई है.
Odisha में एक परिवर्तन चल रहा है, जो लाखों महिलाओं के जीवन को नया आकार दे रहा है और ग्रामीण entrepreneurship के लिए एक नया रास्ता तैयार कर रहा है. इस बदलाव में सबसे आगे Odisha State Association for Financial Inclusion and Inclusion (OSAFII) है, जिसने हाल ही में entrepreneurship के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए अपने 5वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया.
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हुआ 21,800 करोड़ रुपये की राशि का ऋण
सम्मेलन में बताया microfinance संस्थानों, बैंकों और छोटे वित्त बैंकों द्वारा 21,800 करोड़ रुपये की राशि का ऋण किया गया है, जिससे राज्य भर में 4 million women self help group (SHG) के सदस्यों को लाभ हुआ है. OSAFII का मिशन स्पष्ट और केंद्रित है, कि यह प्रयास सिर्फ वित्तीय सहायता के बारे में नहीं, बल्कि कौशल विकास, financial literacy और महत्वपूर्ण संसाधनों तक भी पहुंच शामिल है. OSAFII के CEO ने सम्मेलन के दौरान इन प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला और ग्रामीण महिलाओं के बीच employment को बढ़ावा देने में financial literacy की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
'We Lead' से आया आर्थिक परिवर्तन
'We Lead' जैसी पहल के माध्यम से, महिलाओं को ना केवल ऋण (loan) मिल रहा है बल्कि financial प्रबंधन और बाजार संपर्क जैसे क्षेत्रों में व्यापक समर्थन से भी लैस किया नज़र आ रहा है. ध्यान केवल entrepreneurships को तैयार करने पर नहीं है बल्कि ऐसे leaders को तैयार करना है जो अपने समुदायों के भीतर सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन ला सकें.
Odisha में ग्रामीण महिलाओं की कहानी बदल रही है, वे economy में केवल भागीदार होने से लेकर इसके निर्माता बनने तक की स्थिति में हैं. OSAFII सम्मेलन से निकलने वाली सफलता की कहानियां अन्य लोगों के लिए आशा और प्रेरणा की किरण के रूप में काम करती नज़र आएंगी. Odisha में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की यात्रा एक ज़रूरी अवस्था तक पहुंच चुकी है, लेकिन अभी भी आगे का रास्ता लंबा और अवसरों से भरा हुआ है. इन महिला उद्यमियों की कहानी उस ताकत की याद दिलाती है जो सशक्तिकरण के लिए एकता, दूरदर्शिता और अटूट समर्पण में बसी है.