COVID-19 महामारी के दौरान सभी की आमदनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. लेकिन लैंगिक असमानताओं (gender inequality) की वजह से पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज़्यादा नुक्सान का सामना किया.
ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने सराहा कृषि में ग्रामीण महिलाओं का नेतृत्व
ग्रामीण महिलाएं (rural women) COVID-19 महामारी के दौरान काफी सफ़ल साबित हुईं. सप्लाय चेन में रुकावट, बाजार बंद होने और लॉकडाउन की वजह से आमदनी बिल्कुल ठप पड़ गई. लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ग्रामीण महिलाओं ने अपनी कड़ी मेहनत जारी रखी, आमदनी के दूसरे अवसर खोजे और खतरों और असमानताओं (inequalities faced by rural women) को दूर करते हुए कृषि (agriculture) को जारी रखा.
ग्लोबल एक्सपर्ट्स (global experts on women farmers in India) ने इन महिलाओं की क्षमताओं को देखते हुए कहा कि संकट के इस समय में महिलाओं की भूमिका, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को आगे बढ़ाएगी. साथ ही कृषि-खाद्य प्रणालियों में महिलाओं के नेतृत्व का समर्थन करने के लिए पॉलिसी-मेकर्स और लीडर्स को मार्गदर्शन देगी.
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स्वयं सहायता समूहों के ज़रिये मिला समाधान
"जलवायु परिवर्तन और COVID -19 जैसे संकटों ने कृषि समुदायों, ख़ासकर महिलाओं की चुनौतियों को उजागर किया. हालांकि, महिलाएं इन चुनौतियों से निपटने में पुरुषों की तुलना में आगे रहीं. स्वयं सहायता समूहों ने महिलाओं को चुनौतियों का समाधान निकालने में सक्षम बनाया. ये समूह साथ मिलकर स्वयं सहायता समूहों के मज़बूत इतिहास के साथ, भारत में उनकी सफलता के कई उदाहरण मिल जायेंगे." CGIAR लिंग शोधकर्ता और इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट (International Rice Research Institute (IRRI)) में भारत की देश प्रतिनिधि डॉ रंजीता पुस्कुर ने कहा.
बहतर कृषि-खाद्य प्रणालियों पर ज़ोर देगा अंतरराष्ट्रीय लिंग अनुसंधान सम्मेलन
डॉ. पुस्कुर ने पत्रकारों के वेबिनार में, नई दिल्ली में होने वाले अंतरराष्ट्रीय लिंग अनुसंधान सम्मेलन के बारे में बताया. इस कार्यक्रम का लक्ष्य अनुसंधान और प्रैक्टिस के बीच अंतर को कम करना है, जिससे इंक्लूसिव और समान खाद्य प्रणालियों को डिज़ाइन करने में मदद मिलेगी. इस सम्मेलन की मेजबानी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और सीजीआईएआर जेंडर इम्पैक्ट प्लेटफॉर्म (CGIAR GENDER Impact Platform) द्वारा की जाएगी.
डॉ. पुस्कुर ने कहा, "इस सम्मेलन के दौरान, हम चर्चा करेंगे कि कैसे नीतियां और अन्य नवाचार सामूहिक कार्रवाई को मजबूत कर सकते हैं और महिलाओं को ज़्यादा रेसिलिएंट बनने में मदद कर सकते हैं."
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एलायंस ऑफ बायोवर्सिटी इंटरनेशनल और सीआईएटी (Alliance of Bioversity International and CIAT) में CGIAR लिंग विशेषज्ञ डॉ. एलीन बोगवे नचानजी, मध्य, पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी अफ्रीका के 32 देशों में अनुसंधान का नेतृत्व कर रही है. उन्होंने कहा, "महिलाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में न्यायसंगत, लचीला और स्वस्थ सिस्टम बनाने के लिए इनोवेशन के सोशियो-टेक्निकल बंडल्स की ज़रुरत होगी."
" हम यह पता लगाने के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक समझ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं कि ग्रामीण महिलाओं और नीति निर्माताओं के हाथों में बेहतर उपकरण कैसे लाए जाएं ताकि हम सभी के लिए लचीलापन हासिल कर सकें" CGIAR जेंडर प्लेटफॉर्म के निदेशक डॉ. निकोलिन डी हान (Dr Nicoline de Haan, Director of the CGIAR GENDER Platform) ने बताया.
G20 New Delhi Leaders’ Declaration का मिशन होगा पूरा
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सहायक महानिदेशक डॉ. सीमा जग्गी (Dr. Seema Jaggi, Assistant Director General (HRD), Indian Council of Agricultural Research) ने कहा कि ICAR CGIAR जेंडर इम्पैक्ट प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सम्मेलन की मेजबानी करेगा: “यह कार्यक्रम दुनिया भर के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा. कृषि और खाद्य प्रणालियों में लैंगिक असमानता को दूर करने के समाधान साझा करेगा."
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CGIAR जेंडर इम्पैक्ट प्लेटफॉर्म के संचार सलाहकार मैरिएन गैडेबर्ग ने बताया कि "G20 शिखर सम्मेलन के सफल होने के तुरंत बाद, यह सम्मेलन शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के लिए एक ख़ास अवसर होगा जहां उन्हें यह विचार करने का मौका मिलेगा कि वे अपने साझा प्रयासों के ज़रिये, नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन (New Delhi Leaders’ Declaration) में तय किये गए मिशन, खासकर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास (women led development), जलवायु परिवर्तन (climate change), खाद्य सुरक्षा (food safety), और पोषण (nutrition) में महिलाओं की भूमिका पर आगे कैसे बढ़ सकते हैं."
एग्री-फ़ूड सिस्टम्स (agri-food systems) को बेहतर बनाने में ग्रामीण महिलाओं (rural women) की भूमिका अहम है. ये सम्मलेन उनकी क्षमताओं को बेहतर तरीके से इस्तेमाल में लाने और उन्हें विकास में योगदान देने के अवसर देगा.